विलुप्त होने के कगार पर: सुप्रीम कोर्ट ने कहा, सोन चिरैया को बचाएं, भूमिगत बिजली केबल पर विचार करें
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को राजस्थान और गुजरात से सोन चिरैया (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) को विलुप्त होने से बचाने के लिए ओवरहेड बिजली के तारों को भूमिगत करने की व्यावहारिकता पर विचार करने के लिए कहा है। उड़ने वाले भारी पक्षियों में से एक सोन चिरैया विलुप्त होने के कगार पर है। मुख्य रूप से ओवरहेड पावरलाइन से टकराने से इनकी मौत हो रही है।
चीफ जस्टिस एसए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने ओवरहेड पावर लाइनों को भूमिगत करने की व्यावहारिकता की जांच के लिए एक उच्च स्तरीय समिति भी गठित की है। समिति में दो वैज्ञानिक डॉ. राहुल रावत व डॉ. सुठिरथा दत्ता और कॉर्बेट फाउंडेशन के डिप्टी डायरेक्टर दो. देवेश गढ़वी होंगे। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि समिति की सिफारिशों को बिजली उत्पादकों और अन्य हितधारकों द्वारा लागू किया जाएगा।
याचिका वन्यजीव विशेषज्ञ एमके रंजीत सिंह व अन्य द्वारा दायर की गई है। याचिका में दावा किया गया था कि ओवरहेड पावर लाइन, इस पक्षी के लिए बेहद घातक साबित हो रहे हैं। पीठ ने इस मामले पर छह अप्रैल को अपना फैसला सुरक्षित रखा लिया था।