यूपी: लखनऊ में बेकाबू हुए हालात को संभालने के लिए वरिष्ठ अफसरों की टीम गठित, आदेश जारी
राजधानी लखनऊ में कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए अपर निदेशक डॉ. जीएस वाजपेई के नेतृत्व में एक चार सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। टीम के अन्य सदस्य संयुक्त निदेशक स्तर के हैं। इनमें डॉ. वाइके पाठक, डॉ. सुनील पांडेय एवं डॉ. विकास सिंघल शामिल हैं।
लखनऊ सीएमओ के अलावा एसीएमओ और प्रबंधन में लगे अन्य अधिकारी अब डॉ. वाजपेई को रिपोर्ट करेंगे। इस संबंध में अपर मुख्य सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य अमित मोहन प्रसाद ने आदेश जारी कर दिया है।
हालांकि, कोरोना की दूसरी लहर के भयावह आंकड़ों के बीच राहत भरी खबर है। रविवार को 5551 मरीज मिले तो 2348 कोरोना को मात देकर घर गए। मिले मरीजों के मुकाबले 42.29 फीसदी का डिस्चार्ज होना एक उम्मीद जगाता है। चिकित्सा विशेषज्ञ भी इसे राहत की उम्मीद के रूप में ही देख रहे हैं।
उनका कहना है कि कुल मिलने वाले मरीजों की अपेक्षा डिस्चार्ज होने का ग्राफ 50 फीसदी तक पहुंच गया तो गंभीर मरीजों को अस्पतालों में बेड मिलने लगेंगे। बहरहाल रविवार को 22 मरीजों की मौत हो गई। वहीं एक्टिव केस 44700 हैं। यानी जंग अभी बड़ी है।
लगातार बढ़ाई जा रही बेड्स की संख्या
राजधानी में लगातार बेड़ों की संख्या बढ़ाने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन मरीजों की बढ़ती संख्या के सामने यह नाकाफी साबित हो रहे हैं। कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या 5000 से अधिक होने के सप्ताह भर बाद डिस्चार्ज होने वालों का ग्राफ भी बढ़ने लगा है। रविवार को कोरोना से जंग जीतकर घर जाने वालों की संख्या अप्रैल में सबसे ज्यादा है। कुल मिलने वाले मरीजों की अपेक्षा डिस्चार्ज होने वालों का ग्राफ देखा जाए तो 12 अप्रैल को कुल मिले मरीजों की अपेक्षा 24 फीसदी लोग डिस्चार्ज हुए थे। जो 18 अप्रैल को बढ़कर 42.29 तक पहुंच गया है।