चीन की चाल: भारत के साथ सीमा गतिरोध के बीच तिब्बतियों की भर्ती के लिए चलाया अभियान
तिब्बत पर जबरन कब्जा जमाकर यहां के निवासियों की आजादी और संसाधन छीन चुका चीन अब सेना में तिब्बतियों की भर्ती के लिए अभियान चला रहा है। चीन की सेना ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत के साथ जारी सीमा गतिरोध के बीच अधिक से अधिक तिब्बतियों की भर्ती कर रहा है। इस घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि चीन ने वर्ष की शुरुआत से ही तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में विशेष भर्ती अभियान चला रखा है।
कुछ लोगों ने बताया कि पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के अधिकारियों ने भर्ती अभियान चलाने के लिए तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र की सीमा के अंदर गए और साथ ही तिब्बती रंगरूटों जो पहले से ही पीएलए के शिविरों में रह रहे थे उनको सेना में शामलि करने का अभियान शुरू किया है।
ऐसी खबरें भी हैं कि पीएलए ने एक विशेष तिब्बती सेना इकाई बनाने का मन बनाया है, कुछ लोगों ने यह बात खुफिया रिपोर्ट और संचार के तीन अलग-अलग खुफिया एजेंसियों से बातचीत का हवाला देते कही। उन्होंने आगे कहा कि अगर यह चीनी सेना का विस्तार है, तो यह पीएलए की तरफ से पहला ऐसा गठन होगा जिसमें एक विशिष्ट तरह के के सैनिकों को शामिल किया जाएगा।
एक खुफिया रिपोर्ट के अनुसार, तिब्बतियों को सैनिकों के रूप में भर्ती करने के लिए, ल्हासा के पीएलए अधिकारियों ने फरवरी के तीसरे सप्ताह में तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र (टीएआर) के सुदूर पश्चिम के नगरी प्रांत में रुडोक शहर का दौरा किया। रिपोर्ट में कहा गया है कि इन अधिकारियों ने बाद में विशेष इकाई में संभावित पीएलए शिविरों से तिब्बती रंगरूटों का चयन करने के लिए तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र के सीमावर्ती काउंटियों में से एक जांडा या त्सामदा काउंटी की यात्रा की। इससे संभावना जताई जा रही है कि कि पीएलए किसी विशेष इकाई के गठन के लिए काम कर रहा है।