ऑक्सीजन आपूर्ति : देश की लाइफ लाइन रेलवे अब जीवन की लाइफ सपोर्ट भी बनेगी
देश की लाइफ लाइन रेलवे अब जीवन की लाइफ सपोर्ट भी बनेगी। लॉकडाउन के दौरान कोरोना योद्धा रेल कर्मियों ने खाने-पीने की वस्तुओं को एक जगह से दूसरे जगह पहुंचाने में सहयोगी बने तो कोरोना की दूसरे लहर में ऑक्सीजन पहुंचाकर जीवन के लिए जरूरी ऑक्सीजन देने में मददगार होंगे।
रेलवे ने क्रोयोजेनिक टैंकरों से तरल चिकित्सा ऑक्सीजन के परिवहन को मंजूरी दे दी है। महाराष्ट्र सरकार के अनुरोध के बाद रेल मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है।
रेल मंत्रालय ने मंजूरी देते हुए कहा कि राज्य में विभिन्न स्थानों तक तरल ऑक्सीजन को रोल ऑन-रोल ऑफ सेवा के तहत पहुंचाया जाएगा। इसका खर्च राज्य सरकार को ही वहन करना होगा। लोड किए जाने वाले कंटेनरों के साथ जाने वाले कर्मचारियों को द्वितीय श्रेणी का टिकट लेना होगा और केवल दो व्यक्तियों को ही कंटेनरों के साथ जाने की अनुमति दी जाएगी।
उल्लेखनीय है कि पहले महाराष्ट्र अब दिल्ली की सरकार ने मेडिकल सेवा के लिए ऑक्सीजन की कमी की बात की है। क्रायोजेनिक कंटेनर ट्रकों को विशेष रेलवे वैगनों के माध्यम से नजदीकी गंतव्य शहरों तक पहुंचाया जाएगा। इसके बाद ट्रक अपने निर्धारित स्थान पर ऑक्सीजन को लेकर पहुंचाएगा। मेडिकल ऑक्सीजन पहुंचाने में परिवहन लागत में कमी के साथ समय की बचत होगी।
पीयूष गोयल ने ऑक्सीजन की उपलब्धता के मुद्दे पर उद्धव ठाकरे पर साधा निशाना
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने महाराष्ट्र में ऑक्सीजन की उपलब्धता के मुद्दे पर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को निशाने पर लिया। एक ट्वीट में गोयल ने कहा कि देश में अब तक महाराष्ट्र को सबसे अधिक मात्रा में ऑक्सीजन मिली है।
केंद्र सरकार लगातार राज्य सरकार के संपर्क में है। महाराष्ट्र अक्षम व भ्रष्ट सरकार से जूझ रहा है। महाराष्ट्र के लोग माझा कुटुंब, माझी जवाबदारी का पालन कर रहे हैं। मुख्यमंत्री भी अब माझा राज्य, माझी जवाबदारी की भावना से कर्तव्य का निर्वहन करें।
पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि उद्धव ठाकरे के कार्यालय द्वारा की जा रही राजनीति से दुखी और चकित हूं। राजनीति की दैनिक खुराक उन्हें अब बंद करनी चाहिए। औद्योगिक उपयोग के लिए उपलब्ध सभी ऑक्सीजन को चिकित्सा इस्तेमाल के लिए भेज रहे हैं।