यूपी: कोरोना जांच की कीमतें फिर तय, सरकारी में 500 तो निजी अस्पताल में 700 रुपये में होगा टेस्ट

अस्पतालों में मरीजों की भर्ती करने और जांच में ज्यादा रुपये लेने की शिकायतों को देखते हुए शासन ने फिर से जांच दरें जारी की हैं। आदेश के मुताबिक किसी अस्पताल की ओर से प्राइवेट अस्पताल में कोरोना की जांच के लिए सैंपल भेजने अथवा मरीज के अस्पताल में जाकर सैंपल देने पर 700 रुपए देने होंगे।

इसी तरह सरकारी अस्पताल में 500 रुपये में जांच होगी। निजी लैब द्वारा घर से सैंपल लेने पर 900 रुपये देने होंगे। प्रमुख सचिव अमित मोहन प्रसाद ने सभी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि तय दरों पर ही मरीजों से शुल्क लिया जाए। अधिक शुल्क लेने वालों पर कार्रवाई की जाएगी।

 

प्रदेश में 10 सितंबर 2020 को जांच की दरें निर्धारित की गई थी। उन्हीं दरों को फिर जारी किया गया है। इसमें कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। मरीजों के अस्पताल में भर्ती करने पर एनएबीएच  एक्रेडिटेड अस्पताल में आइसोलेशन बेड का चार्ज 10000, आईसीयू का 15000 और वेंटिलेटर युक्त आईसीयू का 18000 रुपये रखा गया है।

नान एक्रेडिटेड अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड का 12000, आईसीयू का 13000 और वेटिलेटर युक्त आईसीयू का 15000 रुपये रखा गया है। यह दरें ए श्रेणी के शहरों के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के लिए है। बी श्रेणी के शहरों में अस्पतालों में इसका 80 फ़ीसदी और सी श्रेणी के शहरों में 60 फ़ीसदी शुल्क देना होगा।
स्थिति समय पर नियंत्रित नहीं हुई तो लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है
प्रदेश सरकार के विधि एवं न्याय मंत्री ब्रजेश पाठक ने लखनऊ में चिकित्सा व्यवस्थाओं को चिंताजनक बताया है। उन्होंने कहा कि कोरोना की जांच रिपोर्ट मिलने में 4 से 7 दिन का समय लग रहा है और मुख्य चिकित्सा अधिकारी दफ्तर से मरीजों को भर्ती की स्लिप भी दो-दो दिन में मिल रही है, इतना ही नहीं एक बार फोन करने पर एंबुलेंस भी 5-6 घंटे में पहुंच रही है।

पाठक ने चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि यदि कोविड की स्थिति को नियंत्रित नहीं किया गया तो लखनऊ में लॉकडाउन लगाना पड़ सकता है। पाठक ने एसीएस को पत्र लिखकर कहा है कि बीते एक सप्ताह से पूरे लखनऊ से उनके पास कोविड मरीजों और उनके परिजन के कॉल आ रहे हैं जिन्हें समुचित इलाज नहीं दे पा रहे है।

उन्होंने कहा कि सीएमओ दफ्तर में कॉल करने के अक्सर फोन नहीं उठता है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री से इसकी शिकायत के बाद सीएमओ फोन तो उठाते हैं लेकिन सकारात्मक कार्य नहीं होता है।

उन्होंने कहा कि लखनऊ की चिंताजनक स्थिति को देखते हुए वे खुद 8 अप्रैल को सीएमओ दफ्तर जा रहे थे लेकिन एसीएस के आश्वासन के बाद वे वहां नहीं गए। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी किसी भी तरह से स्थिति संतोषजनक नहीं है।

यह भी देखे:-

यूपी परिवहन निगम के एमएसटी घोटाले में आधा दर्जन अफसर दोषी, क्या होगी कड़ी कार्रवाई
कई देशों में अभी नहीं थमा कोरोना: बांग्लादेश में लॉकडाउन बढ़ा, जापान में फिर इमरजेंसी लगाने की मांग
निखलेश तबाने के कैम्प में बच्चों ने सीखे स्केटिंग की नई तकनीक
राम मंदिर सुनवाई:19 जनवरी 1885 से 2019 तक के न्यायालय का सफर आखिरी पड़ाव पर..
एस्टर पब्लिक स्कूल में वार्षिक खेल सांस्कृतिक महोत्सव, बच्चों ने दिखाई प्रतिभा
वैक्सीन की मांग: कहीं रसोई गैस पहुंचाने वाले ना बन जाएं सुपर स्प्रेडर, रोजाना आते हैं तीन करोड़ लोगो...
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश, जानें कितनी होगी संसद में महिलाओं की संख्या
SSC GD Constable Notification 2021: जानें कब जारी होगा जीडी कॉन्स्टेबल भर्ती परीक्षा का नोटिफिकेशन, ...
जूनियर शिक्षक संगठन ने 21 सूत्रीय मांगों को लेकर सौपा ज्ञापन
ग्रेटर नोएडा ईटा 1 सेक्टर में भव्य दुर्गा पूजा का आयोजन, भक्तों की उमड़ी भीड़
CORONA UPDATE : गौतमबुद्ध नगर में तीन और मरीज कोरोना पॉजिटिव, देखें विस्तृत रिपोर्ट
ग्रेटर नोएडा थाना पुलिस के हत्थे चढ़ा 25 हज़ार का ईनामी , तलाश में लगी थी पुलिस की कई टीम
रेलवे ट्रैक पर मिला किशोर-किशोरी का शव
केंद्र सरकार का वादा झूठ का पुलिंदा : वीरेंद्र डाढा
सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्रालय का नया नोटिफिकेशन जारी नहीं लगाने होंगे RTO के चक्कर
गर्मजोशी के साथ हुआ 22वें राष्ट्रीय युवा उत्सव 2018 का समापन