मशहूर इतिहासकार पद्मश्री योगेश प्रवीण का निधन, लखनऊ के इतिहास पर किया विशेष काम
इनसाइक्लोपीडिया ऑफ लखनऊ के नाम से जाने जाने वाले पद्मश्री योगेश प्रवीण का सोमवार को निधन हो गया। उन्हें इलाज के लिए बलरामपुर अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
पद्मश्री योगेश प्रवीण का नाम शहर के उन लोगों में शुमार रहा है जिन्होंने लखनऊ को एक अलग पहचान दिलाई है। उन्होंने लखनऊ के स्वर्णिम इतिहास को दुनिया के सामने रखा। अपनी पुस्तक लखनऊनामा के जरिये उन्होंने लाखों-करोड़ों लोगों को लखनऊ की रूमानियत, कला, संस्कृति से रूबरू कराया। लखनऊ नामा के लिए उन्हें नेशनल अवार्ड भी मिला। वह विद्यांत हिन्दू कॉलेज से रिटायर हुए थे।
उन्हें लेखन की प्रेरणा अपनी मां रमा श्रीवास्तव से मिली। जो अपने जमाने की जानी मानी कवियत्री थीं। उनके छोटे भाई कामेश श्रीवास्तव में निधन की पुष्टि की। परमेश्वरी के अलावा उन्हें यश भारती, यूपी रत्न अवॉर्ड, नेशनल टीचर अवार्ड सहित कई सम्मान भी मिले थे।
शशि कपूर के पसंदीदा लेखक थे योगेश प्रवीण
योगेश प्रवीण मशहूर अभिनेता शशि कपूर के पसंदीदा लेखकों में शामिल थे। उनकी फिल्म ‘जुनून’ के लिरिक्स योगेश प्रवीण ने ही लिखे थे। इतना ही नहीं जब फिल्म की शूटिंग लखनऊ में चल रही थी तब वह योगेश प्रवीण के साथ ही लखनऊ की धरोहरों का भ्रमण किया करते थे और लखनऊ से जुड़ी जानकारियां और किस्से सुनते थे। फिल्म उमराव जान में भी योगेश प्रवीण की अहम भूमिका रही।
अधूरी रह गई ख्वाइश
पद्मश्री योगेश प्रवीण की ख्वाहिश थी कि चौक स्थित उनका घर पंचवटी संग्रहालय बनाया जाए। इसके लिए वह पिछले कई वर्षों से लगातार प्रयास भी कर रहे थे पर संस्कृति विभाग की उपेक्षा के चलते उनकी यह ख्वाहिश अधूरी ही रह गई।
लाइफ ऑफ योगेश प्रवीण, जल्द रिलीज होगी
योगेश प्रवीण की जिंदगी के विभिन्न पहलुओं पर आधारित डॉक्यूमेंट्री लाइफ ऑफ योगेश प्रवीण जल्द ही रिलीज होगी। हालांकि डॉक्यूमेंट्री तैयार होने के बाद योगेश प्रवीण को दिखाई जा चुकी है लेकिन लॉकडाउन की वजह से इसे रिलीज नहीं किया जा सका था। डॉक्यूमेंट्री का निर्देशन शहर के युवा अश्विनी सिंह और लेखन हफीज किदवई ने किया है।