Corona virus: क्या दोबारा कोरोना संक्रमण संभव है? यहां जानिए ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब

कोरोना वायरस को एक साल से ऊपर का समय बीत गया। लेकिन एक पिछले 24 घंटों में आए एक लाख 26 हजार मरीजों ने चिंता बढ़ा दी है कि आखिर कब तक हम कोरोना की मार झेलेंगे। क्यों आखिर कोरोना वायरस की दूसरी लहर इतनी चिंताजनक साबित हो रही है।

चिंता की बात तो यह है लोग पहले एक बार कोरोना पॉजिटिव चुके हैं और दोबारा इस संक्रमण का शिकार हो रहे हैं जो काफी चिंताजनक है। लोगों की समझ नहीं आ रहा आखिर ये बला है लोग दोबारा क्यों संक्रमित हो रहे हैं, ऐसे ही कुछ सवालों के जवाब यहां हैं-

1- क्या पहले कोरोना हुआ था, दोबारा संक्रमण नहीं होगा?
अभी तक ऐसी कोई स्टडी सामने नहीं आई है जिससे पता चल सके कि कोविड-19 से उबर चुके लोग दोबारा संक्रमित नहीं हो सकते। इसका कोई निश्चित जवाब नहीं है। संक्रमण के संपर्क में आने से पैदा हुई प्रतिरोधक क्षमता कितने समय तक बनी रहेगी, इस पर निर्भर करता है व्यक्ति दोबारा संक्रमित होगा की नहीं।

अभी तक देखा गया है कि जो लोग ठीक चुके हैं, उनके शरीर में एंटीबॉडी और टी सेल्स दोनों शामिल हैं, जो कुछ समय के लिए सुरक्षा का संकेत देते हैं। वहीं अब तक देखा गया है कि कोविड19 की प्रतिरोधक क्षमता स्थायी नहीं हो सकती है।

170 से ज्यादा लोगों पर की किए गए एक अध्ययन में जो गंभीर SARS-CoV(कोरोनावायरस का एक स्ट्रेन) से संक्रमित थे, उनमें सार्स आधारित एंटीबॉडी औसतन दो साल तक देखी गई। इसका मतलब ये है कि शुरुआती एक्सपोजर के तीन साल बाद SARS मरीजों को दोबारा संक्रमण होने की आशंका हो सकती है। कुल मिलाकर, यह नहीं पता प्रतिरोधक क्षमता कितने समय तक बनी रहती है, इस बारे में जानकारी नहीं है।

2-  पहले हो चुके संक्रमित व्यक्ति को नए वैरिएंट से खतरा है
कोरोना के नए वैरिएंट्स ने वैज्ञानिकों को चिंता में डाल दिया है। कई देशों में अलग अलग वैरिएंट के कोरोना मरीज मिले हैं। इसमें बड़ा सवाल ये है कि पहले कोरोना से उबर चुके लोगों को नए वैरिएंट से कितना खतरा है तो ये इम्युनिटी पर निर्भर करेगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक ब्राजीलियन वैरिएंट पहली बार अमेजन राज्य की राजधानी मनौस में देखा गया, जहां पिछले साल कोरोना वायरस से तीन चौथाई आबादी संक्रमित थी। इससे आबादी के एक बड़े हिस्से को बेसिक इम्युनिटी मिल चुकी थी, लेकिन इस साल संक्रमण की संख्या फिर से तेजी से बढ़ी है।

3- भारत में दूसरी लहर का जिम्मेदार क्या नया वैरिएंट है?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने 24 मार्च को बताया कि भारत में एक नए डबल म्यूटेंट वेरिएंट की पहचान की गई है। तो क्या मार्च से केस में बढ़त इसी का नतीजा है? विशेषज्ञ कहते हैं कि भारत में डबल म्यूटेंट वैरिएंट- E484Q नया है जिसे देखा नहीं गया था और ये सिक्वेंस किए जा रहे 15-20% मामलों में पाया गया है। लेकिन ये इतनी ज्यादा संख्या में नहीं मिला है कि कुछ राज्यों में बढ़ रहे मामलों से इसका संबंध जोड़ा जा सके।

एक म्यूटेशन सेलेक्ट होने के बाद उस वायरस में एक और म्यूटेशन हो सकता है, ट्रिपल म्यूटेशन भी हो सकता है और एक अलग लीनिएज (वंशावली) बन सकती है। म्यूटेशन प्राकृतिक घटनाएं हैं। ये इसलिए होता है क्योंकि कुछ म्यूटेशन वायरस को फायदा पहुंचाते हैं। अगर म्यूटेशन वायरस के लिए हानिकारक होता, तो हम इसे नहीं देखते क्योंकि ये सर्वाइव नहीं कर पाता।

4. क्या ये कोरोना वायरस कभी खत्म होगा?
विशेषज्ञों का मानना है कि कोरोना वायरस के बेकाबू, तेज संक्रमण पर लगाम तो लगेगी लेकिन इसका ट्रांसमिशन निचले स्तर पर जारी रहेगा। वायरस एंडेमिक हो जाएगा। एंडेमिक किसी भौगोलिक क्षेत्र के भीतर आबादी में किसी बीमारी या संक्रामक एजेंट की निरंतर उपस्थिति या आम प्रसार के बारे में बताता है।

 

यह भी देखे:-

INDvENG: बढ़त बनाने उतरेगी टीम इंडिया, इंग्लैंड के खिलाफ तीसरा टी-20 मुकाबला आज
धर्मांतरण पर योगी सख्त: दोषियों पर लगेगा रासुका, संपत्ति भी होगी जब्त
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने 16वें आईएफजेएएस'22 का भव्य उद्घाटन  
एटीएस की पूछताछ में बड़ा खुलासा, दीवाली पर होता बड़ा धमाका, धनतेरस से थी शुरुआत
सीबीएसई 12 वीं की अर्थशास्त्र की परीक्षा अब अप्रैल में, 10 वीं पर सस्पेंस
प्राधिकरण ने विक्ट्री वन सोसाइटी के खरीदारों व बिल्डर के साथ की बैठक, सोसाइटी की समस्याओं को हल का म...
UP मे आनंद लीजिये मेट्रो के बाद अब पॉड टैक्सी का, खूबियां जानने के बाद आप भी कहेंगे वाह!
दिल्ली पुलिस की जाबांज सिपाही स्वर्गीय शैली बैंसला की श्रद्धांजलि सभा आयोजित
बकाया भुगतान कर ओसी ले और खरीदारों के नाम रजिस्ट्री करे बिल्डर
आईटीएस कॉलेज में होगा राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस का आयोजन
MANSOON : दिल्ली सहित उत्तर भारत मे 10 तक देगा मानसून दस्तक,
रुपए लेनदेन के विवाद में भाई-भाभी ने युवक को पीट-पीटकर मौत के घाट उतारा
कोरोना के रोगी भगवान भरोसे : ऑक्सीजन के साथ डॉक्टरों का संकट, 150 से ज्यादा छुट्टी पर निकले
विश्‍व में सबसे तेज:10 करोड़ कोविड वैक्‍सीन लगाने वाला देश बना भारत, 85 दिनों में हासिल किया मुकाम
जून 26 और 28 को होगा जीबीयू-ईटी 2020 का पहला चरण "रिमोट प्रोक्टेड ऑनलाइन परीक्षा"
संघ स्वयंसेवकों ने किया गुणात्मक संचलन