अधिकारी बेखबर , बिकाऊ है नोएडा ट्रैफिक पुलिस का ई-चालान, पोर्टल, खरीदोगे क्या…
हाईटेक शहर की स्मार्ट पुलिसिंग के दावों की हवा निकल रही है। आम जन की सहूलियत के लिए ई-चालान कंप्लेंट मैनेजमेंट सिस्टम (ईसीएमएस) की शुरुआत की गई थी, लेकिन हर साल करोड़ों रुपया जुर्माना वसूलने वाली नोएडा ट्रैफिक पुलिस इस ऑनलाइन सुविधा को जारी रखने का मामूली खर्च भी नहीं उठा पाई। नतीजतन, अब घर बैठे गलत चालान की शिकायत का 72 घंटे के अंदर निस्तारण नहीं हो सकेगा।
इतना ही नहीं, शहर की सड़कों पर रूट डायवर्जन से संबंधित जानकारी भी नहीं मिल पाएगी। जानकर हैरानी होगी कि, जिस ई-चालान पोर्टल (trafficpolicenoida.in) पर लॉगइन कर गलत चालान और ट्रैफिक से जुड़ी अपटेड मिलती थीं, उस पर अब (बाय दिस डोमेन) मतलब ई-चालान पोर्टल बिकाऊ होने की जानकारी मिल रही है। सूत्रों ने बताया कि कमिश्नरी सिस्टम लागू होने से पहले 9 अक्तूबर 2019 को यह सुविधा शुरू हुई थी, जो 23 सितंबर 2020 को बंद हो गई। इससे न केवल आम लोगों को सहूलियत मिल रही थी, बल्कि ई-चालान प्रबंधन में ट्रैफिक पुलिस को भी काफी राहत थी। 5036 शिकायतों का निस्तारण इस सिस्टम के किया जा चुका था। अंतिम शिकायत जीवन अग्रवाल नामक शख्स की निस्तारित हुई थी।
अधिकारियों को नहीं जानकारी
हैरानी की बात यह भी है कि, जिस तरह दुबई की तर्ज पर यातायात नियम तोड़ने वालों पर नजर रखने वाला रडार कैमरा गायब हो गया और ट्रैफिक पुलिस को भनक तक नहीं लगी, उसी तरह ई-चालान कंप्लेंट मैनेजमेंट सिस्टम बंद होने की जानकारी भी अधिकारियों को नहीं है।
72 घंटे में ही शिकायत का निस्तारण
पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराने के बाद कंप्लेट नंबर मुहैया कराया जाता था। साथ ही दर्ज शिकायत से संबंधित ई-मेल तुरंत अधिकारियों और ई-चालान शाखा में पहुंच जाती थी। शिकायतकर्ता कंप्लेट नंबर से शिकायत को ट्रेक भी कर सकता था। 72 घंटे में निस्तारण का प्रावधान था। ई-चालान प्रणाली पर इससे पुख्ता निगरानी भी हो रही थी।
5.52 लाख चालान, 3.62 करोड़ जुर्माना
साल 2020 में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन रहा। कई महीने तक सड़कों पर वाहनों की तादाद कम रही। इसके बाद भी 5.52 लाख से ज्यादा चालान काटे गए। वहीं, 3.62 करोड़ रुपये से अधिक जुर्माना भी वसूला गया। इसके बावजूद ट्रैफिक पुलिस संसाधनों के लिए मोहताज है।
ई-चालान शिकायत पोर्टल बंद होने की जानकारी मुझे मिली है, लेकिन यह सुविधा क्यों बंद हुई, इसके बारे में पता किया जाएगा।
– गणेश प्रसाद साहा, डीसीपी ट्रैफिक