नक्सली हमला: पीएलजीए ने कहा- सरकार से बात करने को तैयार, जवान को भी कर देंगे रिहा
छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों से मुठभेड़ के बाद लापता कोबरा कमांडो की तलाश जारी है। पुलिस स्थानीय ग्रामीणों से पूछताछ के साथ ही सभी चैनल के माध्यम से जवान का पता लगाने की कोशिश में जुटी है।
जवान की सूचना पाने के लिए पुलिस ने अपने मुखबिरों को भी सक्रिय किया हुआ है। सीआरपीएफ की कोबरा बटालियन के कांस्टेबल राकेश्वर सिंह मन्हास शनिवार से लापता है। सोमवार को सुकमा के एक पत्रकार ने राकेश्वर सिंह के नक्सलियों के कब्जे में होने का दावा किया था।
बस्तर रेंज के पुलिस महानिदेशक सुंदरराज पी ने बताया, ‘अब तक राकेश्वर सिंह के नक्सलियों के कब्जे में होने की पुष्टि नहीं हुई है। हम सभी संभावित चैनलों के जरिये उनकी तलाश में जुटे हैं। पुलिस स्थानीय ग्रामीणों से लगातार पूछताछ कर रही है।’
नक्सली नेता ने कहा- जवान सुरक्षित, लूटे गए हथियारों की तस्वीर भी जारी
सुरक्षा बलों पर हमला करने वाले नक्सली संगठन पीएलजीए ने मुठभेड़ में अपने चार साथियों के मारे जाने की बात मानी है। साथ ही एक जवान के अपनी कैद में जिंदा होने की पुष्टि भी की। संगठन ने सरकार को चेतावनी दी, साथ ही मध्यस्थाें के जरिये वार्ता की राह खुली होने की बात भी कही। साथ ही कहा कि हम कैद किए गए जवान को रिहा कर देंगे। जवान हमारे दुश्मन नहीं हैं।
In Bijapur attack,24 security personnel lost lives,31 injured & 1 in our custody. 4 People's Liberation Guerrilla Army personnel lost lives. Ready to negotiate with govt,they can announce mediators. Will release him. Police Jawans not our enemies:Communist Party of India (Maoist) pic.twitter.com/oMRFZaiBeb
— ANI (@ANI) April 7, 2021
पीएलजीए ने सुरक्षा बलों से मुठभेड़ के दौरान 14 हथियार, 2,000 से ज्यादा कारतूस और बहुत सारा अन्य साजोसामान हाथ लगने का भी दावा किया और इन हथियारों व कारतूसों के फोटो जारी किए।
परिवार का बुरा हाल
उधर, जम्मू के दोमाना में उनके परिवार का बुरा हाल है। मां कुंती देवी ने कहा जब तक बेटे की आवाज नहीं सुन लेतीं तब तक खाना नहीं खाएंगी। बेटी सारघ्वी राजपूत ने कहा कि पापा ने कहा था घर आकर नए कपड़े लाकर देंगे। पापा से पांच दिन से बात भी नहीं हुई है। मेरे पापा को जल्दी घर लेकर आओ।