होम बायर्स के हक में यूपी सरकार की पहल स्वागत योग्य – नेफोवा, उठाये चंद सवाल
ग्रेटर नोएडा : घर ख़रीदारों के हक में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा की गई पहल स्वागत योग्य है, लेकिन 15 सितंबर के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी। 30 और 31 तारीख को हुई मीटिंग की रिपोर्ट अभी मुख्यमंत्री को सौंपी जाएगी, फिर कैबिनेट में रखी जायेगी, उसके बाद ही कोई फैसला आ सकता है। कई सवाल ऐसे है जिनके जवाब मिलने पर ही बायर को सही मायने में राहत मिल सकेगी।
1) को-डेवलपर के नाम की लिस्ट अभी सौंपी गई है। अभी बहुत कुछ तय होना बाकी है। आम्रपाली पूर्व में भी को डेवलपर को लेकर आई, लेकिन स्थिति जस की तस है। बिल्डर ने जिन को-डेवलपर के नाम सौपे है, उनका चयन सरकार किस आधार पर करेगी। जब बिल्डर विश्वास करने योग्य नही है तो बिल्डर द्वारा मनोनीत को-डेवलपर पर कैसे विस्वास किया जा सकता है।
2) अधूरे काम पूरा कराने के लिए फण्ड कौन देगा।बायर पैसे दे चुका है, बैंक का पहले से कर्ज है तो क्या फण्ड सरकार मुहैया कराएगी। को-डेवलपर हो या कोई भी एजेंसी, कोई आखिर क्यों बिना वित्तीय सहायता के अधूरे निर्माण कैसे पूरा करेगा। वित्तीय सहायता किस प्रकार होगी, ये अभी तय नही हुआ है।
3) कई प्रोजेक्ट ऐसे रह गए हैं, जिन पर कोई बात नही हुई, नही कोई सुझाव रखे गए हैं। अर्थ इंफ़्रा, प्रिमिया, शुभकामना, वैल्यू इंफ़्रा, एविजे जैसे प्रोजेक्ट का क्या होगा।
4) दो साल में घर बनाकर देना होगा, ये बात तो ठीक है, पर काम कब शुरू होगा ये देखना होगा।बिल्डर और को डेवलपर की शर्तों को सरकार किस तरह पूरा करती है, ये भी अहम मुद्दा होगा।
5) निर्माण प्रकिया शुरू होने के साथ ही मोनिटरिंग कमिटी का गठन भी जरूरी है जो हर प्रोजेक्ट साइट पर हो रहे निर्माण के स्टेटस की मंथली या वीकली रिपोर्ट तैयार करके शासन को भेजे।
6) सरकार की मानें तो जेपी ग्रुप नवम्बर से हर महीने 600 लोगों को पजेशन देगा। लेकिन जेपी इंफ्राटेक पर अथॉरिटी का काफी बकाया है। बिना बकाया मिले वो कम्प्लीशन सर्टिफिकेट नही देगी। ऐसे में बिल्डर पजेशन कैसे दे देगा।
अभी सिर्फ क्रेडाई, बिल्डर और अन्य एजेंसियों ने शर्तों के साथ सरकार को सुझाव दिए है। सबसे बड़ा लोचा फंडिंग का है। देखना ये है कि घर कौन बनाएगा, कैसे बनायेगा, ये फॉर्मूला लेकर सरकार कबतक आती है। और सबसे महत्वपूर्ण बात, हम सभी घर खरीदारों को अब वादे, भरोसे और बयानों का नही, बल्कि सरकार की तरफ से लिखित आदेशों और दस्तावेजों का इंतजार रहेगा।