नक्सली हमला : सुरक्षा तंत्र को 25 लाख के इनामी हिडमा की ठोस जानकारी नहीं
छत्तीसगढ़ में जिस नक्सल कमांडर माडवी हिडमा को पकड़ने की मुहिम में 22 सुरक्षाकर्मियों ने शहादत दी, सुरक्षा तंत्र के पास उसकी ठोस पहचान नहीं है। पुलिस और खुफिया विभाग के पास कुछ तस्वीरें हैं और माना जाता है कि हिडमा उन्हीं में से एक है। हिडमा की उम्र और कद काठी को लेकर भी अभियान में जुटे सुरक्षाकर्मियों के बीच असमंजस की स्थिति है।
रविवार शाम को गृहमंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई उच्चस्तरीय बैठक में ऑपरेशन में हुई चूक की रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी सीआरपीएफ को दी गई है। सूत्रों का कहना है कि बैठक में इस बात पर विस्तार से चर्चा हुई कि करीब 400 नक्सली सुरक्षा बलों की चार टुकड़ियों में से एक को घेरने में कैसे कामयाब हो गए।
उन्होंने बताया कि नक्सलियों ने जिस टुकड़ी पर तीन हमला किया वह अपने कैंप में बमुश्किल आधे घंटे में पहुंचने वाली थी। नक्सल विरोधी अभियान में हिस्सा ले चुके एक अधिकारी के मुताबिक यह एक गंभीर मसला है। क्योंकि नक्सली खासतौर पर इतनी बड़ी संख्या में कैंपों के इतने करीब नहीं आते।
जिस हिडमा की तलाश में चला अभियान, वह वहां था ही नहीं
सूत्रों ने बताया कि इस वारदात में माओवादियों के सुप्रीम कमांडर माने जाने वाले बास्वा राजू का नाम भी सामने आ रहा है। शुरुआती आकलन के मुताबिक दक्षिण बस्तर के तर्रेम इलाके में जिस हिडमा की तलाश की जा रही थी वह वहां था ही नहीं।
हिडमा और राजू ने मिलकर यह योजना उसी दौरान तैयार की होगी जब जवानों के बीच इस ऑपरेशन की तैयारी चल रही थी। सूत्रों ने बताया कि 400 नक्सलियों को कुछ घंटों में इस स्तर की तैयारी के साथ तैनात करना संभव नहीं।