Vaccine Side effects: कोरोना वायरस वैक्सीन लगने के बाद इन लोगों में दिख सकते हैं साइड इफेक्ट्स, स्टडी का दावा
नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर (Coronavirus second wave) ने भारत में हड़कंप मचा रखा है. जब से यह महामारी सामने आयी है तब से पहली बार ऐसा हुआ है जब रविवार 4 अप्रैल को देशभर में 1 दिन में 1 लाख से ज्यादा मामले यानी नए केस सामने आए. एक तरफ जहां बड़ी संख्या में लोगों को वैक्सीन (Covid-19 vaccine) लगायी जा रही है, वहीं दूसरी तरफ कोरोना वायरस से संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या भी उतनी ही तेजी से बढ़ रही है. लिहाजा मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग (Mask and social distancing) का पालन करना सभी लोगों के लिए बेहद जरूरी है.
इन लोगों में दिख सकते हैं पोस्ट-वैक्सीन साइड इफेक्ट्स
हालांकि कुछ लोगों के मन में वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स (Post-vaccine side effects) को लेकर भी कुछ आशंकाएं हैं जिसकी वजह से बहुत से लोग वैक्सीन लेने से कतरा रहे हैं. टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी एक रिपोर्ट की मानें तो इस बारे में अब तक जितनी भी रिसर्च हुई है उसके मुताबिक 3 ग्रुप के लोग ऐसे हैं जिनमें वैक्सीन लगने के बाद साइड इफेक्ट्स दिखने का खतरा ज्यादा है.
1. महिलाएं- एक नई रिसर्च की मानें तो पुरुषों की तुलना में महिलाओं में कोरोना वैक्सीन के साइड इफेक्ट्स (Women are more prone to side effects) ज्यादा देखने को मिल रहे हैं. अमेरिका के CDC ने अलग-अलग उम्र के 1 करोड़ 37 लाख से ज्यादा लोगों को दिए गए कोविड वैक्सीन शॉट्स के डेटा की जांच की और पाया कि 79 प्रतिशत साइड इफेक्ट्स महिलाओं में देखे गए.
2. जो लोग वायरस से संक्रमित हो चुके हैं- ZOE COVID सिम्पटम स्टडी ऐप की मानें तो जिन लोगों को पहले कोविड-19 संक्रमण हो चुका है उनमें से एक तिहाई लोगों में पूरे शरीर में साइड इफेक्ट्स देखने को मिले (People who had covid infection) उन लोगों की तुलना में जो पहले कभी कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हुए थे.
3. यंग लोग- इंडियन मेडिकल एसोसिएशन IMA के कोच्चि ब्रांच ने एक स्टडी की है जिसमें यह बात सामने आयी है कि भारत में बुजुर्गों की तुलना में यंग यानी जवान लोगों में कोविड-19 के साइड इफेक्ट्स ज्यादा देखने को मिल रहे हैं (Young people). इस स्टडी में 5 हजार 396 लोगों को शामिल किया था जो 20 से 29 साल और 80 से 90 साल के बीच के थे. स्टडी में पाया गया कि वैक्सीन लगने के बाद 20-29 वाले ग्रुप में 81 प्रतिशत लोगों ने साइड इफेक्ट्स महसूस किया जबकि बुजुर्गों में यह आंकड़ा केवल 7 प्रतिशत था.