विद्वानों की मूर्खता पर गूंजी तालियां
डॉ.राजेंद्र प्रसाद घाट पर गुरुवार को महामूर्ख मेला में विद्वान भी मूर्ख बनकर खुश दिखे। गधे की आवाज से कार्यक्रम का आगाज हुआ तो बेमेल शादी के बाद तलाक भी हो गया। कवियों के हास्य और व्यंग्य वाण चले तो हंसी-ठहाकों के बीच मंच से लगायत सामने बैठे आमजन तक मस्ती में डूबे रहे। इन सबके बीच कोरोना को भगाने का आह्वान भी किया गया।
देश-दुनिया का अनूठा आयोजन महामूर्ख मेला डॉ. राजेंद्र प्रसाद घाट के मुक्ताकाशीय मंच पर सजा तो हंसी-ठहाकों से घाट की सीढ़ियों भी खिलखिलाती दिखीं। कवियों संग दर्शकों का भी अलग अंदाज रहा। दूल्हा बनी स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शालिनी टंडन एवं दुल्हन बने उनके पति डॉ. अनुराग टंडन का सोलहों शृंगार कर विवाह गड़गड़ मंत्रोचार से हुआ और बात छुट्टा-छुट्टी तक पहुंची और दोनों में तलाक हो गया। कलाकारों ने नगाड़े पर नृत्य पेश किया।
इसके बाद कवियों के हास्य-व्यंग्य वाण से राजनीतिक कुरीतियां पर प्रहार किया तो कभी सामाजिक संवेदना को शिद्दत से उठाया। उन्होंने देश की आन, बान व शान की मिसाल को भी पेशकर दर्शकों के देशभक्ति के भाव को विशिष्टता प्रदान की। दमदार बनारसी के संचालन में कवियों ने मंच संभाला तो इटावा के गौरव चौहान और प्रयागराज के अखिलेश द्विवेदी ने अपने अंदाज से दर्शकों को खूब हंसाया। गौरव ने रचनाओं से पाकिस्तान की औकात दिखायी। पाकिस्तान का जितना बजट रोटी-दाल का है उतना शिव पर चढ़ा देते हैं दूध…, …भारत के दुश्मनों में नहीं दम जो हिला दे, ये मुल्क शहीदों की चिताओं पर टिका है। अखिलेश ने भी हास्य के साथ नेताओं पर व्यंग्य किया। झगड़ू भइया ने गजब रजा विकास होत हव बिना पढ़े सब पास होत हव …, सलीम शिवाली ने अमन का पयाम लीजिए एकता का जाम लीजिए…। अचानक मऊवी ने भी कई रचनाएं पेश की। अशोक सुंदरानी, श्यामलाल यादव, बृजेशचंद्र पाण्डेय, अम्बरीश ठाकुर, दान बहादुर सिंह, किशोर बनारसी, डॉ. प्रशांत सिंह आदि ने काव्य पाठ किया। इस दौरान सांड़ बनारसी ने आए कवियों व अतिथियों का सम्मान किया। इस मौके पर पीएनबी बैंक के डीजीएम एचएस कनवर, विष्णुकांत शर्मा, विवेक सिंह, विवेक शंकर तिवारी, आलोक श्रीवास्तव आदि की खास मौजूदगी रही।