तेजी से पिघल रही है भारत- पाकिस्तान के रिश्तों की बर्फ, जानें और क्या हो सकता है आगे
नई दिल्ली। पिछले महीने भारत और पाकिस्तान के बीच सीज फायर होने के बाद दोनों देशों के रिश्तों में सुधार के जो संकेत मिले थे, वो और पुख्ता हो गए हैं। इसी कड़ी में पाकिस्तान की आर्थिक समन्वय परिषद ने बुधवार को भारत से कपास और धागा के आयात की अनुमति दे दी है। भारत-पाकिस्तान को रमजान से पहले चीनी का निर्यात करेगा, जिससे वहां के लोगों के लिए चीनी कम कीमत पर उपलब्ध होगी। यह निर्णय बुधवार को पाकिस्तान के वाणिज्य मंत्रालय द्वारा एक बैठक बुलाए जाने के बाद आया। पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर से 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद खुद ही इन प्रतिबंधों को लगाया था। अब आर्थिक परेशानी से जूझने के बाद पाकिस्तान ने इन प्रतिबंधों को हटाया है।
आपको बता दें कि वर्ष 2016 से दोनों देशों के रिश्तों में तल्खी घुलने के बाद यह पहला मौका है, जब दोनों देशों के राजनीतिक नेतृत्वों की तरफ से रिश्तों को सुधारने की बात कही जा रही है। पाकिस्तान के पीएम खान और सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा हाल के दिनों में भारत के साथ रिश्तों को सुधारने की बात सार्वजनिक तौर पर कह चुके हैं जबकि भारतीय पीएम की तरफ से पहली बार इस तरह के सकारात्मक संकेत दिए गए हैं।
पिछले दिनों पाकिस्तान की घुड़सवारी टीम भी भारत आई थी। ताजिकिस्तान में ‘हार्ट ऑफ एशिया’ सम्मेलन के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और पाकिस्तान के शाह महमूद कुरैशी मौजूद थे, लेकिन दोनों के बीच कोई बातचीत नहीं हुई। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि उन्होंने पाकिस्तान के प्रति भारतीय रवैये में सकारात्मक विकास देखा है और दोनों एक सकारात्मक संबंध की ओर बढ़ रहे हैं। कुरैशी ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों में महत्वपूर्ण घटनाक्रम की शुरुआत भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पत्र से हुई, जिसमें उन्होंने पाकिस्तान दिवस पर अपने समकक्ष का स्वागत किया, जिसका पीएम इमरान खान ने जवाब दिया।
दुनिया के प्रमुख विश्लेषकों का मानना कि भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते और सुधरेंगे। आर्थिक मोर्च के अलावा खेलों, सांस्कृतिक क्षेत्र में भी दोनों देश अपने दरवाजे खोल सकते हैं।
पाकिस्तान को मिलेगी कोरोना वैक्सीन की 1.6 करोड़ डोज मुफ्त में
पाकिस्तान के अखबार दैनिक ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ के मुताबिक, पाक संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) को अधिकारियों ने जानकारी दी है कि पाकिस्तान को जल्द ही भारत में निर्मित कोरोना वैक्सीन की 1.6 करोड़ डोज मुफ्त में मिलेगी। सीरम इंस्टीट्यूट द्वारा उत्पादित ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड गावी (वैक्सीन और टीकाकरण के लिए वैश्विक गठबंधन) के जरिये पाकिस्तान पहुंचेगी। इस वैक्सीन की मदद से पाकिस्तान अपनी 4.5 करोड़ आबादी के लिए टीकाकरण शुरू करेगा।
नरेंद्र मोदी ने इमरान खान को लिखा पत्र
पिछले मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान के पीएम इमरान खान को पत्र लिख कर पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस (23 मार्च) की न सिर्फ बधाई दी बल्कि दोनों देशों के अच्छे संबंधों की कामना भी की। उसके बाद पाकिस्तान पीएम इमरान खान ने जवाब में पत्र लिखा है।
पाकिस्तान दिवस पर पीएम मोदी ने लिखा था कि ‘पाकिस्तान के राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर मैं पाकिस्तान के अवाम को अपनी शुभकामनाएं देता हूं। एक पड़ोसी देश के तौर पर भारत पाकिस्तान के लोगों के साथ सौहार्दपूर्ण रिश्ते की इच्छा रखता है। इसके लिए भरोसा और आतंकवाद एवं आक्रमकता से मुक्त माहौल बेहद जरूरी है। मान्यवर, मानवता के इस बेहद कठिन काल में मैं आपको और पाकिस्तान की जनता को कोविड-19 महामारी से उत्पन्न चुनौतियों के लिए भी शुभेच्छा देना चाहूंगा।’
कई मोर्चों से घिरा हुआ है पाक
ऑर्ब्जवर रिसर्च फाउंडेशन के प्रोफेसर हर्ष वी पंत का कहना है कि मौजूदा समय में पाकिस्तान आंतरिक तौर पर कई मोर्चों से घिरा हुआ है। आर्थिक रूप से पाकिस्तान की हालत बेहद खराब है। रणनीतिक और कूटनीतिक दृष्टि से वो काफी अलग-थलग और कमजोर हो चुका है। वैश्विक मंच पर भी उसके हालात काफी खराब हो चुके हैं। हाल ही में अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन की भारत की यात्रा भी इसके पीछे एक वजह है। इसके अलावा पाकिस्तान खुद को अकेला महसूस कर रहा है।
जिस तरह से अमेरिका ने अफगानिस्तान के मसले और वहां की शांति प्रक्रिया में भारत को सहयोगी बनाया है, वो पाकिस्तान के लिए एक बड़ा झटका है। पाकिस्तान को लगने लगा है कि अमेरिका ही नजरों में वो बुरी तरह से पिछड़ रहा है। ये हाल अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से भी कहीं ज्यादा बुरा है। ट्रंप के कार्यकाल में अफगानिस्तान को लेकर जो बातचीत शुरू हुई थी उसमें भारत को जगह नहीं मिली थी। वहीं बाइडन प्रशासन में भारत का रुतबा पहले से कहीं अधिक बढ़ा है।
आर्थिक हालात काफी बदतर होने से पाकिस्तान वैश्विक महामारी से नहीं लड़ पा राह है। खुद पाकिस्तान के पीएम इस बात को कुछ दिन पहले खैबर पख्तूख्वां में मान चुके हैं कि आर्थिक तंगी की वजह से सरकार स्वास्थ्य सेवाओं पर और शिक्षा पर खर्च नहीं कर पा रही है। ऐसे में प्रोफेसर पंत का कहना है कि पाकिस्तान को भारत से रिश्ते सुधारने की शुरुआत करनी पड़ी है। हालांकि पंत ये भी मानते हैं कि भविष्य में ये कितनी आगे तक जाएगी इस बारे में अभी कुछ भी कह पाना मुश्किल है क्योंकि पाकिस्तान की तरफ से जमीनी हकीकत पर भरोसा करना कुछ मुश्किल है। क्योंकि सीमा पर शांति होने के बाद भी पीओके में अभी भी आतंकी शिविर कायम हैं।