मुख्तार अंसारी: 4 राज्यों में 12 जनपदों के 23 थानों में बाहुबली के खिलाफ दर्ज हैं 52 मुकदमे
पूर्वांचल के बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब की जेल से यूपी स्थानांतरित करने का प्रयास रंग लाया। रोपड़ जेल में बंद मुख्तार को वापस लाने के लिए गाजीपुर, मऊ व लखनऊ की पुलिस कई बार वारंट बी लेकर पंजाब गई लेकिन हर बार उन्हें बैरंग लौटना पड़ा था।
अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पुलिस तेजी से मुकदमों का ट्रायल कराएगी। राजनीति में ताकतवर मुख्तार अंसारी का नेटवर्क भी यूपी समेत कई राज्यों में फैला है। उत्तर प्रदेश ही नहीं देश के चार राज्यों में मुख्तार अंसारी के खिलाफ मुकदमे दर्ज हैं। इन राज्यों के 12 जनपदों के 23 थानों में उनके खिलाफ 52 मुकदमे दर्ज हैं। आदेश के बाद पुलिस और इंटेलीजेंस भी होमवर्क में जुट गई है।
प्रयागराज के एमपी/एमलए कोर्ट में मऊ विधायक मुख्तार अंसारी के सबसे ज्यादा मामले में गाजीपुर, मऊ और वाराणसी से ही जुडे हैं। मुख्तार के नेटवर्क को तोड़ने में जुटी पुलिस के सामने मुकदमों, संबंधों और गुर्गों की भी लंबी सूची है। अंसारी ने सिर्फ पूर्वांचल ही नहीं, बल्कि प्रदेश की राजधानी लखनऊ, दिल्ली, पंजाब और बिहार तक में अपने जरायम की छाप छोड़ी है। लगभग पूरे देश में अपने मजबूत नेटवर्क के लिए कुख्यात मुख्तार पर हत्या, हत्या के प्रयास, अपहरण, रंगदारी के लिए धमकी, दंगा भड़काने, धोखाधड़ी, सरकारी व निजी संपत्तियों पर कब्जा करने, अवैध वसूली, असलहों, मछली आदि विविध वस्तुओं की तस्करी, गैंगस्टर, क्रिमिनल ला अमेंडमेंट एक्ट, मकोका, एनएसए, आदि गंभीर आरोपों में मुकदमे कायम किए गए हैं।
चारों राज्यों के 12 जनपदों के 21 थानों में मुख्तार पर दर्ज मुकदमे उसकी काली दुनिया की कलई खोलते हैं। गाजीपुर के स्थानीय लोगों की माने तो अपने छात्र जीवन से ही जरायम की दुनिया में अपना दबदबा कायम करने वाले मुख्तार अधिकतर मामलों में गवाहों के मुकर जाने के कारण व साक्ष्य के अभाव में बरी भी हो चुके हैं।
गाजीपुर में भाजपा विधायक कृष्णानंद राय की हत्या, मऊ में ए श्रेणी ठेकेदार अजय प्रकाश सिंह उर्फ मन्ना सिंह दोहरा हत्याकांड, मन्ना हत्याकांड के गवाह रामचंद्र मौर्य और उनके अंगरक्षक सिपाही सतीश के दोहरे हत्याकांड मामलों में अभी सुनवाई जारी है। पंजाब की रोपड़ जेल में बंद मुख्तार को लेने के लिए गई गाजीपुर पुलिस दो बार बैरंग लौट चुकी है। मऊ और आजमगढ़ की पुलिस भी तामीला कराए बिना ही वापस आ चुकी है। इन जनपदों के ट्रायल पर लगे मुकदमे थम गए थे। अब मुख्तार के यूपी आने के बाद इन केसों को रफ्तार मिलेगी।
मुख्तार के खिलाफ पूर्वांचल में प्रमुख मुकदमे
-मुख्तार के खिलाफ पहला मामला फर्जी शस्त्र लाइसेंस हासिल करने से जुड़ा हुआ है। यह मुकदमा गाज़ीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में दर्ज हुआ था। इसमें मुख्तार के खिलाफ दो केस दर्ज हुए हैं, पहला आईपीसी की धारा 419 – 420 और 467 यानी धोखाधड़ी व फर्जीवाड़े का है तो दूसरा आर्म्स एक्ट से जुड़ा हुआ है। मामले में अभी मुख्तार पर अदालत से आरोप तय होना बाकी है। आरोप तय होने के बाद ही ट्रायल शुरू होगा।
-मुख्तार के खिलाफ इलाहाबाद की स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट में गैंगस्टर के चार मुक़दमे चल रहे हैं। इन चारों में आरोप पत्र दाखिल हो चुके हैं, अदालत ने चारों मामलों में मुख्तार पर आरोप भी तय कर दिए हैं। चार में से तीन मामले गाज़ीपुर जिले के अलग अलग थानों के हैं, जबकि चौथा मऊ जिले का है. पहला मामला गाज़ीपुर के कोतवाली थाने का है. इस मामले में आरोप पत्र दाखिल हैं और मामला साक्ष्य यानी ट्रायल के स्तर पर है।
-हत्या के प्रयास से जुड़ा मुकदमा गाज़ीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में आईपीसी की धारा 307 और 120 बी के तहत दर्ज हुआ था। मुक़दमे की प्रक्रिया साल 2010 में ही शुरू हो गई थी। इसमें मुख्य आरोपी सोनू यादव केस से बरी हो चुका है। मुख्तार का मामला अभी ट्रायल की स्टेज पर है और काफी दिनों से सुनवाई ठप पड़ी है।
-गैंगस्टर का एक मामला गाज़ीपुर के करंडा थाने से जुड़ा हुआ है. इस मामले में आरोप तय हैं और मुक़दमे का ट्रायल पेंडिंग है। स्पेशल ट्रायल के इस मुक़दमे का नंबर 557/12 है।
-मुख्तार के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। मामले में गाज़ीपुर के मोहम्मदाबाद कोतवाली में केस दर्ज किया गया था। यह मुकदमा भी ट्रायल के लेवल पर है। इसका केस नंबर 90/12 है।
-हत्या का एक और मुकदमा वाराणसी जिले का है। यह मामला कांग्रेस के नेता अजय राय के भाई की हत्या से जुड़ा हुआ है। इस मामले में चेतगंज थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी। मुकदमा इस वक़्त गवाही में चल रहा है। मामले से जुडी तमाम फ़ाइल अभी वाराणसी कोर्ट से स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट में नहीं आ सकी है। कांग्रेस नेता अजय राय इस मामले में वादी और गवाह दोनों हैं। इस मामले में भी तेजी से सुनवाई हो रही है।
-आजमगढ़ जिले में हुई हत्या में मुख्तार पर आईपीसी की धारा 302 यानी हत्या और 120 B यानी साजिश रचने का आरोप है। मामले की एफआईआर आजमगढ़ के तरवां थाने में दर्ज हुई थी। मुकदमा यूपी सरकार बनाम राजेंद्र पासी व अन्य के नाम से चल रहा है। इस मामले में अभी मुख्तार पर आरोप तय नहीं हुए हैं।
-मुख्तार के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का ही एक और मामला है। इस मामले में मऊ जिले के दक्षिणटोला थाने में केस दर्ज है। मुक़दमे का ट्रायल साल 2012 में शुरू हुआ था। इस मामले में अदालत से मुख्तार पर आरोप तय हो चुके हैं। इस मुक़दमे का नंबर 2/12 है।
-आजमगढ़ के तरवां क्षेत्र के ऐराकला गांव में सड़क के एक ठेके के विवाद में ठेकेदार पर फायरिंग की गई थी। जिसमें एक मजदूर की मौत हो गई थी। इसमें मुख्तार समेत दस आरोपितों पर गैंगेस्टर में मुकदमा दर्ज है। इस मामले में पंजाब प्रांत के रूपनगर जेल में बंद माफिया मुख्तार की पेशी अब तक नहीं हो सकी है।
गाजीपुर के इस मुकदमें में वादी है मुख्तार अंसारी
गाजीपुर। इलाहाबाद की स्पेशल एमपी/एमएलए कोर्ट में मुख्तार का एक और मामला विचाराधीन है. हालाकि इस मुक़दमे में मुख्तार आरोपी नहीं बल्कि वादी है। यह मामला 15 जुलाई साल 2001 का है। मुख्तार अंसारी ने ग़ाज़ीपुर के मोहम्मदाबाद थाने में माफिया बृजेश सिंह और अन्य के खिलाफ जानलेवा हमला करने समेत कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज कराया था। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट वाराणसी जेल में बंद बृजेश सिंह की जमानत की अर्जी को खारिज कर चुका है। जमानत की अर्जी पिछले साल नवम्बर महीने में खारिज की गई थी। इस मामले का ट्रायल रुका हुआ है। गवाही शुरू कराने की मांग को लेकर मुख्तार अंसारी की तरफ से स्पेशल कोर्ट में पिछले महीने ही एक अर्जी दाखिल की गई थी।
सबसे अहम मामले पर सबकी नजरें, अंतिम दौर में ट्रायल
गाजीपुर। मुख्तार के खिलाफ सबसे बड़ा मुकदमा मऊ के दक्षिण टोला थाने में दर्ज डबल मर्डर केस का है। पूर्वांचल के मऊ जिले में साल 2009 में ए कैटेगरी के बड़े ठेकेदार अजय प्रकाश सिंह उर्फ़ मन्ना की दिनदहाड़े बाइक सवार हमलावरों ने एके 47 का इस्तेमाल कर हत्या कर दी थी। हत्या का आरोप बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी पर लगा था। मर्डर केस में मन्ना का मुनीम राम सिंह मौर्य चश्मदीद गवाह था। गवाह होने के चलते राम सिंह मौर्य को सतीश नाम का एक गनर भी दिया गया था। साल भर के अंदर ही आरटीओ आफिस के पास राम सिंह मौर्य और गनर सतीश को भी मौत के घाट उतार दिया गया था। इस मामले में भी मुख्तार अंसारी और उसके करीबियों के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। मुक़दमे का ट्रायल अब आख़िरी दौर में है। मामले में मुख़्तार पर जेल में रहते हुए हत्या की साजिश रचने का आरोप है।