युवाओं को झटका, वीडीओ 2018 की भर्ती परीक्षा सरकार ने क्यों किया रद्द?
सरकारी भर्ती परीक्षाएं और निरस्तीकरण एक दूसरे के पर्याय बन चुके हैं। या यूं परीक्षाओं का रद्द होना भर्ती प्रक्रिया की ही अगली कड़ी बन गई है। जो नियुक्ति पत्र मिलने से ठीक पहले पूरी की जाती है। किसी भी भर्ती प्रक्रिया में सरकार चाहे हर काम धीमी गति से करे। लेकिन परीक्षाओं को रद्द करने का काम ठीक समय पर पूरा कर लिया जाता है। पिछले कुछ सालों में शायद ही ऐसी कोई सरकारी भर्ती होगी जो अपने समय पर पूरी हुई हो। जिसे कोर्ट कचहरी का चक्कर ना लगाना पड़ा हो। जिसमें कुछ धांधली ना हुई हो। लेकिन ये बात क्यों लिखी जा रही है?
दरअसल अब से तीन साल पहले यानी वर्ष 2018 की बात है। उत्तर प्रदेश सरकार ने इस साल ग्राम पंचायत अधिकारी, ग्राम विकास अधिकारी एवं समाज कल्याण पर्यवेक्षक के पदों के लिए विज्ञप्ति निकाली थी। दिसंबर, 2018 के 22 व 23 तारीख को इनकी परीक्षाएं भी हुईं। इसके बाद सब सुना पड़ गया। कोई सूचना नहीं, कोई कार्रवाई नहीं। परीक्षार्थी अपनी नियुक्ति का इंतजार करते रहे। कई बार इसे लेकर धरना प्रदर्शन भी हुआ। हर तरह से नियुक्ति पूरी करने के लिए आवाज उठी।
क्यों हुआ निरस्त, नहीं बताई वजह:
अब तीन साल 2021 में सरकार ने इन युवाओं की बात सुन ली। सरकार को ख्याल आया कि ये भर्ती निकली थी। अब इसकी अगली प्रक्रिया पूरी करनी है। तो सरकार ने परीक्षा ही निरस्त कर दिया। अब इस भर्ती की मुंह ताक रहे युवाओं को परिणाम मिल गया है। एक झटके में लाखों नौजवानों की मेहनत को निरस्तीकरण की प्रक्रिया में समेट दिया गया है। गत बुधवार यानी 24 मार्च को उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने एक सूचना विज्ञप्ति जारी कर इसका ऐलान किया है। इसमें परीक्षा निरस्त क्यों किया जा रहा है, इसकी जानकारी नहीं दी गई है। बस कहा गया है कि “आयोग द्वारा प्रतियोगितात्मक परीक्षा 2018 को निरस्त किए जाने का निर्णय लिया गया है।
जब से यह खबर आई है ट्विटर पर हैशटैग का तूफ़ान आया हुआ है। युवा नेताओं और मंत्रियों को अपने ट्वीट में टैग कर रहे हैं। उनसे जवाब मांग रहे हैं कि आखिर ऐसा क्यों किया गया? भर्ती पूरी करने की मांग हो रही है। बहरहाल परीक्षाओं के निरस्तीकरण की सूची में एक और भर्ती शामिल हो गई है।