शहीद दिवस : क्रांति का जोश जगाने के लिए किसी ने पढ़ाया भारत का इतिहास तो किसी ने शुरू की सभा

भगत सिंह, सुखदेव थापर और शिवराम राजगुरु – भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के तीन महान क्रांतिकारियों को 23 मार्च, 1931 को पंजाब के हुसैनीवाला (अब पाकिस्तान में) में फांसी दी गई थी। उन्होंने ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और कई युवाओं को क्रांतिकारी पथ पर चलने के लिए प्रेरित किया था। इन वीर क्रांतिकारियों की याद में हर साल 23 मार्च, बलिदान दिवस या सर्वोदय दिवस के रूप में मनाया जाता है।  तो आइए भारत माता के इन तीन वीर सपूतों भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव के बारे में जानते हैं…

क्यों करतार सिंह सराभा बन गए थे भगत सिंह के हीरो?

23 साल की उम्र में, फांसी से ठीक पहले अगर कोई मुस्कुराया था तो वे भगत सिंह थे।  27 सितंबर, 1907 को पंजाब के बंगा गांव में जारणवाला (अब पाकिस्तान में) में जन्मे भगत सिंह एक स्वतंत्रता सेनानी परिवार में पले-बढ़े थे। उनके चाचा सरदार अजीत सिंह और उनके पिता (किशन सिंह) महान स्वतंत्रता सेनानी थे।  गदर आंदोलन ने उनके दिमाग पर एक गहरी छाप छोड़ी थी। 19 साल की छोटी उम्र में फांसी पर चढ़ा करतार सिंह सराभा, भगत सिंह का हीरो बन गया था। 13 अप्रैल, 1919 को जलियांवाला बाग में हुए नरसंहार ने भगत सिंह को अमृतसर जाने के लिए प्रेरित किया।  वे बी.ए. परीक्षा की तैयारी कर रहे थे, जब उनके माता-पिता ने उनका विवाह करने की सोची। तब भगत सिंह ने साफ-साफ इंकार कर दिया और अपने माता पिता से कहा कि अगर मेरी विवाह गुलाम-भारत में ही होनी है, तो मेरी दुल्हन केवल मेरी मृत्यु ही होगी।

ब्रिटिश साम्राज्य के दिलों दिमाग में डर पैदा करने के लिए किया था यह काम

शिवराम हरि राजगुरु का जन्म 1908 में पुणे जिले के खेड़ा गांव में हुआ था। 6 साल की उम्र में पिता की मृत्यु हो जाने के बाद बहुत छोटी उम्र में ही वाराणसी में अध्ययन और संस्कृत सीखने आए थे।
वाराणसी में अध्ययन के दौरान राजगुरु का सम्पर्क कई क्रांतिकारियों से हुआ। उनके अंदर भारत को अंग्रेजों से आजाद कराने के लिए क्रांतिकारियों के साथ हाथ मिलाने की तीव्र इच्छा पैदा हुई। ब्रिटिश साम्राज्य के दिलों दिमाग में डर पैदा करने के मकसद से वे हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन आर्मी में शामिल हुए।
19 दिसंबर 1928 को राजगुरु ने भगत सिंह के साथ मिलकर सांडर्स को गोली मारी थी। वहीं 28 सितंबर 1929 को राजगुरु ने एक गवर्नर को भी मारने की कोशिश की थी, जिसके अगले दिन ही उन्हें पुणे से गिरफ्तार कर लिया गया था। राजगुरु पर ‘लाहौर षड्यंत्र’ मामले में शामिल होने का मुकदमा भी चलाया गया था।

क्यों हुई थी ‘नौजवान भारत सभा’ की शुरुआत?

15 मई, 1907 को जन्मे सुखदेव थापर ने उन क्रूर अत्याचारों को देखा था, जो शाही ब्रिटिश राज ने भारत की जनता पर किए थे। इन्हीं दृश्यों ने उन्हें क्रांतिकारियों के साथ मिलने पर मजबूर किया था। हिंदुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन एसोसिएशन के सदस्य के रूप में सुखदेव थापर ने पंजाब और उत्तर भारत के अन्य क्षेत्रों में क्रांतिकारी सभाओं का आयोजन किया था।
उन्होंने लाहौर के नेशनल कॉलेज में युवाओं को भारत के गौरवशाली अतीत के बारे में भी शिक्षित किया था। उन्होंने अन्य प्रसिद्ध क्रांतिकारियों के साथ लाहौर में ‘नौजवान भारत सभा’ की शुरुआत की थी। यह संगठन मुख्य रूप से युवाओं को स्वतंत्रता संग्राम के लिए तैयार करता था।
यूं तो उन्होने कई क्रांतिकारी गतिविधियों में सक्रिय भाग लिया था लेकिन उन्हें लाहौर षड्यंत्र मामले में उनके साहसी हमले के लिए हमेशा याद किया जाता है और किया जाता रहेगा।

 

यह भी देखे:-

यूपी इंटरनेशनल ट्रेड शो में दुनिया करेगी उत्तर प्रदेश के 'क्राफ्ट, कुज़ीन और कल्चर' का साक्षात्कार: म...
जून तक रेल कर्मचारियों का नहीं होगा तबादला, तीन माह तक अपने पद पर बने रहेंगे सभी कर्मचारी
ग्रेटर नोएडा : कोर्ट जा रहे वकील पर फायरिंग, जांच में जुटी पुलिस
नर्सों के चार हजार पद खाली, मरीजों की देखभाल प्रभावित, अस्पतालों में सृजित पदों के अनुपात में नर्सों...
ITS कॉलेज में मनाया गया शिक्षक दिवस, वक्ताओं ने साझा किए विचार
दीवाली: इस समय करें महालक्ष्मी और भगवान गणेश की आराधना, ये है शुभ मुहूर्त
गौतमबुद्ध नगर पंचायत चुनाव :  शिकायत व समस्या को लेकर इन नंबरों पर करें  कॉल, नंबर जारी 
बाघ दिवस पर विशेष: कार्बेट पार्क में 250 हुई बाघों की संख्या, पढ़िए 48 सालों में कब-कब क्या हुआ
प्रियंका गांधी के गिरफ्तारी के विरोध में जिला कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने किया पैदल मार्च, धरना दिया
CJI बोबडे ने की सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के लिए जस्टिस एनवी रमन्ना के नाम की सिफारिश
श्री धार्मिक रामलीला सेक्टर पाई : शिव लीला देख भाव विभोर हुए दर्शक
भोपाल में कोरोना : पहली बार एक साथ अंतिम सफर पर निकलीं 41 लाशें, आठ महीने की बच्ची भी नहीं बची
हर घर के आँगन की मिट्टी से नई दिल्ली में कर्तव्य पथ के पास बनेगा अमृत गार्डन।
अवांछनीय और गलत की जानकारी तुरंत पुलिस को देः संजय सिंघल नोडल पुलिस अधिकारी
"वास्तु रत्न" से नवाजे गए ध्यानाचार्य डॉ. अजय जैन, ज्योतिष सम्मेलन में साधु-संतों और विद्वानों का जु...
Delhi Coronavirus New Guidelines: दिल्ली सरकार ने लिया सख्त फैसला, राजधानी में लगी कई पाबंदियां, देख...