कोरोना वायरस का खतरा: प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम मोदी आज करेंगे बैठक
कोरोना वायरस के संक्रमण को फिर से रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक करेंगे। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होने वाली इस बैठक में महाराष्ट्र, केरल, तमिलनाडु, गुजरात, पंजाब, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री शामिल हो सकते हैं।
इस बैठक में उच्च स्तरीय समितियों की रिपोर्ट भी रखी जाएगी जिन्होंने हाल ही में कोरोना प्रभावित राज्यों का दौरा किया है। 17 मार्च को दोपहर साढ़े 12 बजे मुख्यमंत्रियों के साथ यह वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक शुरू होगी।
दरअसल, देश में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी से इजाफा हो रहा है। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस का प्रकोप एक बार फिर तेजी से गहराता जा रहा है ऐसे में पीएम मोदी की मुख्यमंत्रियों के साथ होने जा रही यह बैठक बेहद अहम होने वाली है।
कोरोना के प्रकोप के अलावा पीएम मोदी देश में टीकाकरण शुरू होने के बाद पहली बार मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत करने जा रहे हैं। ऐसे में प्रधानमंत्री राज्यों के टीकाकरण की प्रगति और इसमें आने वाली दिक्कतों की भी समीक्षा करेंगे। चर्चा है कि इस बैठक में कई अहम फैसले भी लिए जा सकते हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय के अलावा आईसीएमआर और एनसीडीसी के शीर्ष अधिकारी भी बैठक में मौजूद रह सकते हैं।
महाराष्ट्र में शुरू हुई कोरोना महामारी की दूसरी लहर
महाराष्ट्र में वैश्विक कोरोना महामारी की दूसरी लहर शुरू हो गई है। लेकिन कोरोना की स्थिति चिंताजनक होते हुए भी महाराष्ट्र में कोविड-19 के नियमों का जिस तरह पालन होना चाहिए वह नहीं हो रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्य के मुख्य सचिव को इस संबंध में पत्र भेजकर कड़ी नाराजगी जताई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सचिव राजेश भूषण की ओर से महाराष्ट्र के मुख्य सचिव सीताराम कुंटे को भेजे गए पत्र में कहा गया है कि सूबे में कोरोना की दुसरी लहर शुरू हो गई है। लेकिन कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण के लिए जरूरी उपाय अमल में नहीं लाए जा रहे हैं।
लॉकडाउन, नाइट कर्फ्यू बेअसर
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना नियंत्रण के लिए अमल में लाए जा रहे सप्ताहिक लॉकडाउन, नाइट कर्फ्यू आदि को लेकर भी महाराष्ट्र सरकार की खिंचाई की है। पत्र में लिखा है कि राज्य में फरवरी महीने से ही कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने लगी थी। लेकिन इसपर नियंत्रण के लिए जो भी कदम उठाया गया। वह प्रभावी नहीं रहा। पत्र में सुझाव दिया गया है कि कोरोना संक्रमित मरीजों के घर या सोसायटियों, कंटेनमेंट जोन और कांटेक्ट ट्रेसिंग पर विशेष ध्यान दिया जाए। साथ ही, बस डिपो, रेलवे स्टेशन, झुग्गी बस्तियों जैसे भीड़ वाले इलाको में रैपिड एंटीजन टेस्ट शुरू किया जाए और डेथ ऑडिट दोबारा शुरू हो।
राज्य में लगे कड़े प्रतिबंध
महाराष्ट्र में कोरोना मरीजों की संख्या 23 लाख के पार हो चुकी है जबकि राष्ट्रीय स्तर पर गणना की जाए तो 50 फीसदी से अधिक कोरोना के मरीज महाराष्ट्र में है। इसको देखते हुए राज्य सरकार ने 31 मार्च तक के लिए नई गाइडलाइन जारी की है जिसमें एक बार फिर 50 फीसदी उपस्थिति का सख्त प्रतिबंध लागू किया गया है। इस तरह राज्य में वर्क फ्राम होम नए निर्देशों के अनुसार होटल, रेस्तरां, सिनेमा और मल्टीप्लेक्स में केवल 50 फीसदी क्षमता पर काम करना होगा। शॉपिंग मॉल के लिए भी कोविड प्रोटोकाल लागू रहेगा। साथ ही सभी सामाजिक, धार्मिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक समारोहों पर भी रोक लगा दी गई है।