Farmer’s Protest: गर्मियों से बचाव के लिए किसानों की तैयारी तेज, टीकरी बॉर्डर पर भी बन रहे पक्के मकान
107 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध जता रहे किसानों के इरादे की तरह टीकरी बॉर्डर पर मकान भी पक्के बनाए जा रहे हैं। आंदोलनकारियों ने भीषण गर्मी के थपेड़ों से खुद को बचाने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं। फिलहाल 15 पक्के निर्माण किए जा चुके हैं। जल्द ही इनकी संख्या में और बढ़ोतरी हो सकती है।
आंदोलन लंबा खिंचने और सरकार से वार्ता का क्रम टूटने के बाद आंदोलनकारियों की संख्या में कुछ कमी आई है। आंदोलनकारी खुद को गर्मियों से बचाने के लिए टीकरी बॉर्डर पर सीमेंट की दीवारों पर शेड लगवा रहे हैं। खिड़कियां और ग्रिल भी लगाए गए हैं, ताकि हवा आ-जा सके। गर्मियों में कूलर, पंखों सहित बचाव के लिए सभी तैयारियां की जा रही हैं, ताकि किसी तरह की परेशानी न आए।
आंदोलन से जुड़े अंकुर के मुताबिक, अब तक 15 ऐसे निर्माण किए जा चुके हैं। जरूरत हुई तो कुछ और निर्माण किए जा सकते हैं। सर्दियों के दौरान एक ट्रॉली पर 8-10 प्रदर्शनकारी सो रहे थे। जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, किसानों के लिए ट्रॉली में रहना संभव नहीं होगा। गर्मी से बचाव के लिए पंखे, कूलर जरूरी होंगे।
राशन का भी कर लिया इंतजाम
सिंघु बॉर्डर पर भी कुछ ऐसे ही निर्माण किए जा रहे हैं। प्रदर्शनकारियों की संख्या में कमी के बावजूद सीमाओं पर लगातार हो रहे निर्माण के बारे में किसानों का कहना है कि तैयारी इसलिए है, ताकि आंदोलन लंबा चलने पर दिक्कत न हो। किसानों ने राशन का इंतजाम भी पहले ही कर लिया है। आंदोलनकारियों की तैयारियां भी वक्त की मांग के मुताबिक बदल रही हैं। आंदोलनकारियों ने कुछ दिन से सुरक्षा में बढ़ोतरी की है। स्वयंसेवकों को कैमरे व दूसरे उपकरणों से लैस किया गया है।