तस्वीरों में देखें भूतभावन की नगरी में अलबेले बराती, शुरू हो गई फागुनी बयार, खूब उड़े अबीर-गुलाल
काशी पुराधिपति बाबा विश्वनाथ की बरात में भूत-पिशाच झूमते गाते निकले तो काशीवासी भी उसमें शामिल हो गए। कोई भस्म लपेटे, जटाजूट, पिशाच, भूत और अघोरी की वेशभूषा में बरात मेें शामिल हुए। भोले की नगरी में शहर के कई इलाकों से शिव बरात निकाली गई। अड़भंगी शिव की अनोखी बरात देखने के लिए जगह-जगह लोगों का हुजूम लगा रहा।
गुरुवार को महाशिवरात्रि पर काशी शिवमय रही। दिन चढ़ने के साथ ही भगवान भोले की अनोखी बरात की तैयारियां शुरू हो गईं। तिलभांडेश्वर महादेव मंदिर से निकलने वाली शिव बारात भक्तों के आकर्षण का केंद्र रही। भूत, प्रेत, पिशाच के साथ सभी देवी-देवता भगवान शंकर की इस अनोखी बारात में शामिल होने निकल पड़े।
डमरू की डम-डम, बैंड-बाजे की धुन, हाथी, घोड़ा, ऊंट और रथों ने बरात की शोभा बढ़ाई। तिलभांडेश्वर मंदिर पर महिलाओं ने भोलेनाथ का परछन किया। इसके बाद बाबा की बरात बनारस की गलियों में निकल पड़ी। इसके अलावा सारनाथ, बैजनत्था, जंसा, रामेश्वर समेत कई इलाकों में शिव बरात निकाली गई।