महाशिवरात्रि में बम-बम काशी की तस्वीरें: हर-हर महादेव के उद्घोष, रात से ही बाबा विश्वनाथ के दरबार के लिए लग गई थी कतार
महाशिवरात्रि की पूर्व संध्या से ही काशी बम-बम नजर आ रही है। भगवान शिव के भक्त वाराणसी में लंबी कतार लगाए हुए हैं। धीरे-धीरे काशी विश्वनाथ के दर्शन कर रहे हैं। शिव शंभू के दर्शन के लिए बुधवार रात से ही कतार लगना शुरू हो गई थी। मंगला आरती के बाद मंदिर के कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। वहीं, मणिकर्णिका घाट पर लोगों का हुजूम रात में ही उमड़ पड़ा था। सूर्योदय होते ही गंगा घाटों पर स्नान का सिलसिला शुरू हो गया।
बदला गया आरती का समय
काशी विश्वनाथ मंदिर में होने वाली नियमित आरती के समय में भी फेरबदल किया गया। मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि मंगला आरती 11 मार्च की सुबह 2:15 से 3:15 बजे तक हुई। सुबह 3:30 बजे मंदिर के कपाट खोले गए। वहीं मध्यान भोग आरती दोपहर 12 बजे से 12:30 बजे तक होगी।
बाबा के स्पर्श दर्शन की अनुमति नहीं
महाशिवरात्रि पर भक्तों को बाबा के स्पर्श दर्शन की अनुमति नहीं दी गई है, केवल झांकी दर्शन ही मिल रहा है। गर्भगृह में भी प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया है। श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए चार प्रवेश द्वार निर्धारित किए गए हैं। मैदागिन से आने वाले भक्त छताद्वार के 20 मीटर पहले से मंदिर चौक से मंदिर के पूर्वी गेट से दर्शन कर रहे हैं और उनकी वापसी मणिकर्णिका गली द्वार से हो रही है।
वहीं गोदौलिया से आने वाले भक्त बांसफाटक, ढुंढिराज गणेश होते हुए पश्चिमी गेट से प्रवेश कर दर्शन कर कर रहे हैं। वीआईपी, सुगम दर्शन, दिव्यांगजन छताद्वार से प्रवेश कर मंदिर के दूसरे गेट से दर्शन कर उसी से वापस निकाले जा रहे हैं। स्थानीय लोगों के लिए सरस्वती फाटक गली से मंदिर में दक्षिणी गेट से दर्शन का इंतजाम किया गया है।
बैरिकेडिंग लगाकर श्रद्धालुओं को दर्शन
श्री काशी विश्वनाथ का दर्शन करने के लिए गुरुवार को पूरी रात मंदिर खुला रहेगा और चार पहर की विशेष आरती होगी। भगवान शिव की नगरी काशी में महाशिवरात्रि की झलक दिख रही है। मंदिर के आसपास बैरिकेडिंग लगाकर श्रद्धालुओं को दर्शन कराया जा रहा है।