बंगाल चुनाव: नंदीग्राम सीट से कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन ने किया उम्मीदवार का ऐलान, जानें ममता और शुभेंदु के सामने किसे उतारा
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव की शुरुआत इस महीने के आखिरी से होने जा रही है। जिन सीटों पर करोड़ों लोगों की नजरें हैं, उनमें से एक सीट नंदीग्राम है। नंदीग्राम विधानसभा सीट पर खुद राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव लड़ रही हैं तो बीजेपी से उनके सामने शुभेंदु अधिकारी हैं। वहीं, अब कांग्रेस, लेफ्ट और आईएसएफ गठबंधन ने भी उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है। गठबंधन की ओर से सीपीआई (एम) की मीनाक्षी मुखर्जी को नंदीग्राम सीट से उम्मीदवार बनाया गया है।
CPM की युवा विंग की नेता हैं मीनाक्षी: सीपीएम की यूथ विंग डीवाईएफआई यानी डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया की पश्चिम बंगाल यूनिट की अध्यक्ष के तौर पर मीनाक्षी मुखर्जी जिम्मेदारी संभालती रही हैं। छात्रों और युवाओं के बीच अच्छी पकड़ रहने वाली मुखर्जी को उतारकर लेफ्ट और कांग्रेस ने एक तरह से महिला कार्ड खेला है। इसके जरिए लेफ्ट और कांग्रेस यह कह सकेंगे कि हमने ममता बनर्जी के मुकाबले एक युवा महिला को मौका दिया है। बता दें कि इस सीट से बीजेपी ने शुभेंदु अधिकारी को उतारा है, जो 2016 में इस सीट पर जीते थे। हालांकि तब वह ममता बनर्जी के सिपहसालार हुआ करते थे। टीएमसी के टिकट पर उन्हें 67 फीसदी वोट मिले थे। अब वह खुद को भूमिपुत्र बताते हुए चुनावी समर में उतरे हैं।
नंदीग्राम सीट से ममता बनर्जी से भरा नामांकन: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को नंदीग्राम विधानसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल किया और जीतने का विश्वास जताते हुए कहा कि वह नंदीग्राम से कभी खाली हाथ नहीं लौटी हैं। इस सीट पर उनका मुकाबला पूर्व में अपने सहयोगी और अब भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी से होगा। बनर्जी ने तृणमूल प्रदेश अध्यक्ष सुव्रत बक्शी की उपस्थिति में हल्दिया सब डिविजनल कार्यालय में नामांकन दाखिल किया। इससे पहले उन्होंने दो किलोमीटर लंबे रोड शो में हिस्सा लिया और एक मंदिर में पूजा अर्चना की। नामांकन दाखिल करने में बाद बनर्जी एक और मंदिर गईं। उन्होंने कहा, ”मुझे विश्वास है कि मैं नंदीग्राम सीट से जीत हासिल करूंगी। मैं आसानी से भवानीपुर सीट से चुनाव लड़ सकती थी। मैं जब जनवरी में नंदीग्राम आई थी तब यहां से कोई विधायक नहीं था क्योंकि तत्कालीन विधायक ने इस्तीफा दे दिया था। मैंने आम लोगों के चेहरे को देखा और यहां से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया।”