यूपी में गेहूं खरीद नीति जारी,100 कुंतल गेहूँ बेचने पर नही कराना होगा ऑनलाइन सत्यापन
गेहूं खरीद में पंजीकरण कराने के बाद किसानों द्वारा बोए गए रकबे का सत्यापन उपजिलाधिकारी खतौनी से करेंगे। सत्यापन का काम तीन दिन में पूरा किया जाएगा। यदि कोई किसान अधिकतम 100 कुंतल गेहूं क्रय केन्द्र पर बेचता है तो वह ऑनलाइन सत्यापन से मुक्त रहेगा। राज्य सरकार ने गेहूं खरीद नीति जारी कर दी है। इस बार गेहूं खरीद का लक्ष्य नहीं रखा गया है।
खरीद एक अप्रैल से 15 जून तक होगी। रकबे के सत्यापन की चेकिंग जिलाधिकारी रैण्डम आधार पर कराएंगे। किसान के नाम के मिसमैच का सत्यापन ऑनलाइन किया जाएगा। हर क्रय केन्द्र पर एक नोडल अधिकारी की तैनाती की जाएगी। इस बार सरकार ने 1975 रुपए प्रति कुंतल न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया है। किसानों का पंजीकरण खाद्य विभाग के पोर्टल पर हो रहा है। जिन किसानों ने धान खरीद में पंजीकरण करवाया है उन्हें दोबारा पंजीकरण नहीं करवाना है लेकिन उन्हें प्रपत्र को पुन: लॉक करना होगा।
किसानों को ऑनलाइन टोकन भी दिया जाएगा। किसानों को उनकी उपज का लाभकारी मूल्य दिलाने के लिए मण्डियों में लाए गए गेहूं की बिक्री के लिए नीलामी द्वारा खुली बोली दिन में दो बार व्यापारियों के सामने लगवाई जाएगी। नीलमी के समय केन्द्र प्रभारी का रहना अनिवार्य है। यदि गेहूं की कीमत न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम आएगी और गेहूं मानकों के मुताबिक है तो क्रय संस्थाएं एमएसपी पर गेहूं खरीद लेंगी।
किसानों को एसएमएस से मिलेगी जानकारी
सभी क्रय केन्द्रों की जियो टैगिंग होंगी और जिलों में स्थित सभी क्रय केन्द्रों के नाम व पता, केन्द्र की लोकेशन, केन्द्र प्रभारी का नाम व मोबाइल नंबर जिले की वेबसाइट पर भी रहेगा। किसान जैसे ही पंजीकरण करेंगे उसे एसएमएस के माध्यम से यह सूचना उपलब्ध कराई जाएगी। इस बार राज्य सरकार ई पॉप के माध्यम से खरीद करेगी। वहीं जब वह गेहूं बेचेगा तो उसके आधार कार्ड से लिंक नंबर पर मैसेज जाएगा कि उसने इतना धान अमुक केन्द्र पर बेचा है। यदि उसने नहीं बेचा तो इसकी शिकायत इस नंबर पर कर सकता है।