नेफोमा ने मुख्य सचिव के सामने रखी लाखो फ़्लेट बॉयर्स की समस्याएं
नोएडा सेक्टर 6 इंदिरा गांधी कला केंद्र में आज मुख्य सचिव उत्तर प्रदेश आर० के० तिवारी ने जनपद के फ्लैट ओनर्स की समस्याओं को सुना जिसमे जनपद की एसोसिएशन के सभी प्रतिनिधयों ने भाग लिया
फ्लैट बॉयर्स एसोसिएशन नेफोमा का प्रतिनिधित्व करते हुए महासचिव रश्मि पांडेय व उपाध्यक्ष महावीर ठुस्सू ने मुख्य सचिव के सामने सात सूत्रीय मांगों को रखा व ज्ञापन दिया जिसमें से प्रमुख मांगे इस प्रकार हैं
1. जनपद के नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट और ग्रेटर नोएडा में पिछले 10 वर्षों से दर्जनों बिल्डर प्रोजेक्ट में हजारों फ्लैट बॉयर्स को फ्लैट नहीं मिले हैं बिल्डर आधे अधूरे फ्लैट बनाकर गायब है फ्लैट बायर्स दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं
2. बिल्डर द्वारा औथोरिटी की land पेमेंट नहीं करने से फ़्लेट बॉयर्स की रजिस्ट्री क्यों रुकी है, बॉयर्स की क्या गलती है।
अधिकतर बिल्डर प्रोजेक्ट में बिल्डर द्वारा फ्लैट बॉयर्स की रजिस्ट्री नहीं की जा रही है जिससे फ्लैट बायर्स काफी आहत है, बिल्डरों पर सरकार द्वारा दबाव बनाया जाए कि वह लाखों फ़्लेट बॉयर्स की रजिस्ट्री करे ।
3. रजिस्ट्री ऑफिस दादरी के बजाय पुनः ग्रेटर नोएडा में किया जाए क्योंकि दादरी बिल्कुल ही एकांत में पड़ता है हजारों फ्लैट निवासियों को रजिस्ट्री करवाने जाते समय बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता है ग्रेटर नोएडा में रजिस्ट्री होने से जो फ्लैट बॉयर्स जो दूसरे प्रदेशों से आते हैं वह एक ही दिन में रजिस्ट्री करा कर वापस चले जाते हैं जबकि दादरी में रजिस्ट्री होने से बहुत समय लगता है और पैसे ले जाने वक़्त भी डर लगता है
4. रेरा रियल एस्टेट कानून में फ्लैट बॉयर्स की हजारों की संख्या में पेमेंट रिकवरी आरसी पेंडिंग है जिसकी बिल्डरों द्वारा रिकवरी नहीं होती है ना ही इस संदर्भ में कोई ठोस कदम बिल्डरों पर उत्तर प्रदेश रेरा व सरकार द्वारा उठाया जाता है
5.. बिल्डर द्वारा FALSE सुपर एरिया पर OSD GH द्वारा रजिस्ट्री क्यों कराई जा रही है जबकि सुपर एरिया तो कोई एरिया होता ही नहीं है, ना ही औथोरिटी सुपर एरिया certify करती है, औथोरिटी अगर “कवर्ड एरिया” को certify करदे तो 25 प्रतिशत ज़्यादा स्टाम्प ड्यूटी नहीं देनी पड़े, तथा बायर्स के 50000 से लाख रुपये बच सकते हैं।
6. बिल्डर्स 5-5 साल तक एसोसिएशन को प्रीपेड सहित कॉमन एरिया का रखरखाव हैंडओवर नहीं करते अपार्टमेंट एक्ट CL 14.5 के मुताबिक, करोड़ों का IFMS नहीं देते बिल्डर्स एओए को, तो सोसाइटी कैसे चलेंगी।