अब ग़रीब और लावारिस मरीज़ों का इलाज नही रुकेगा, यूपी के इस अस्पताल मे होगा इलाज़
केजीएमयू में लावारिस और गरीबों का शुरुआती इलाज पैसे के अभाव में नहीं रुकेगा। गरीब व लावारिस मरीज के आने पर तुरंत उसका पंजीकरण होगा। पंजीकरण के आधार पर केजीएमयू आईटी सेल के वर्चुअल खाते में 5000 रुपये डाल दिए जाएंगे ताकि प्राथमिक इलाज में किसी भी तरह की रुकावट न आए।
ट्रॉमा सेंटर में बड़ी संख्या में गरीब और लावारिस मरीज लाए जाते हैं। कई बार पुलिस गंभीर अवस्था में ऐसे मरीजों को लेकर आती है। अभी तक मुफ्त इलाज के लिए अधिकारी दस्तावेजों में हस्ताक्षर करते हैं। उसके बाद मरीज का इलाज चालू होता था।
मरीजों को इलाज में किसी भी तरह की दिक्कत न होने के लिए पंजीकरण के तुरंत बाद पांच हजार रुपये डाल दिए जाते हैं। इस रकम से गरीब मरीज का शुरुआत में इलाज चालू हो जाता है। इसमें जांच से लेकर इलाज के दूसरे संसाधन जुटाने में दिक्कत नहीं आती है। सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार के मुताबिक बीपीएल कार्ड धारक और लावारिस के मुफ्त इलाज की व्यवस्था है। गरीबों के इलाज को और आसान बनाने के लिए व्यवस्था अपनाई गई है। मरीज के यूएचआईडी नम्बर पर पैसे डाल दिए जाते हैं। डॉक्टर की सलाह पर मरीजों की जांच व इलाज चालू हो जाता है। इस रकम से कोविड की जांच भी संभव है।