किसान मोर्चा के कानूनी पैनल का एलान, दिल्ली के सभी प्रवेश द्वार बंद

कृषि कानूनों का विरोध कर रहे संयुक्त किसान मोर्चा के कानूनी पैनल ने शुक्रवार को एक और बड़ा एलान किया। सेक्टर-35 स्थित किसान भवन में प्रेसवार्ता के दौरान कानूनी पैनल ने कहा कि चल रहे आंदोलन के अगले चरण के तहत 6 मार्च को दिल्ली के सभी प्रवेश द्वार बंद करेंगे। किसी का भी प्रवेश नहीं होने दिया जाएगा। यह जाम पांच घंटे का रहेगा।

पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट के वकील प्रेम सिंह भंगू की अध्यक्षता में हुई प्रेसवार्ता में दिल्ली सिंघु बॉर्डर से कानूनी पैनल के चार सदस्य रमिंदर सिंह, हरपाल सिंह, इंदरजीत सिंह और धरमिंदर सिंह शामिल हुए। इन सभी ने कहा कि दिल्ली में प्रवेश के सभी रास्तों को बंद किया जाएगा। यह जाम सुबह 11 से अपराह्न बाद चार बजे तक रहेगा। प्रेम सिंह भंगू ने कहा कि 26 जनवरी के बाद से किसानों को लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है।

सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर के 36 किसान नेताओं पर तीन-तीन एफआईआर दर्ज की गईं। 151 किसानों को जेल में डाल दिया गया। 26 जनवरी की घटना पर आठ फरवरी तक गिरफ्तारियां जारी रहीं। कहा, अभी भी पंजाब में किसानों को डराने के लिए रोजाना नोटिस भेजे जा रहे हैं। किसानों पर वह धाराएं लगाई जा रही हैं, जो लगनी नहीं चाहिए। यह संविधान और लोगों के अधिकारों पर हमला है। उन्होंने बताया कि वह अभी तक 125 किसानों की जमानत करवा चुके हैं। रमिंदर सिंह पटियाला ने कहा कि अदालत ने पुलिस की कहानी को नकारते हुए सभी किसानों को जमानत दी है। पैनल ने कहा कि जिन किसानों को पकड़ा गया है, उन्हें छोड़ा जाए और उन पर दर्ज मुकदमे भी वापस लिए जाएं।

महिला दिवस पर सिंघु बॉर्डर पहुंचेंगी महिलाएं

इंदरजीत सिंह ने कहा कि इतिहास में पहली बार ऐसा आंदोलन हो रहा है, जिसमें महिलाएं पूरी तरह से भागीदारी कर रही हैं। आठ मार्च को महिला दिवस पर बड़ी संख्या में महिलाएं सिंघु बॉर्डर पहुंचेंगी। हरपाल सिंह ने कहा कि किसानों के ट्रैक्टर आज भी थानों में खड़े हैं, जिन्हें तोड़ दिया गया। हरियाणा की आजाद पार्टी के घर ईडी ने इसलिए छापेमारी की, क्योंकि उन्होंने किसानों का खुलकर समर्थन किया। इसके अलावा किसानों का सहयोग करने वाले दिल्ली के कई मीडियाकर्मियों पर भी मामले दर्ज किए गए। करणजीत सिंह ने कहा कि डेढ़ सौ से ज्यादा वकील गिरफ्तार किसानों को निशुल्क कानूनी सेवाएं दे रहे हैं। वकीलों ने तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने, गिरफ्तार किसानों को रिहा करने, झूठे मुकदमे वापस करने और न्यायिक जांच कराने की मांग उठाई।

 

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