सुरक्षित होगा ऑटो का सफर, कलर कोड से डाले जाएंगे नंबर
नोएडा। जिले में ऑटो का सफर सुरक्षित बनाने के लिए ट्रैफिक पुलिस ने कलर कोड योजना लागू दी है। बृहस्पतिवार को नोएडा में सेक्टर-37 और ग्रेटर नोएडा में परी चौक पर शिविर लगाकर ऑटो को कोड देने की प्रक्रिया शुरू की गई। जिले को चार हिस्सों में बांटकर कलर कोड व्यवस्था लागू की गई है। इससे अवैध तरीके से चल रहे ऑटो की पहचान आसान होगी। यात्रियों को राहत मिलेगी और सड़कों पर जाम का सबब बन रही ऑटोवालों की भीड़ को व्यवस्थित किया जा सकेगा।
परिवहन विभाग से जिले में रजिस्टर्ड ऑटो और आवंटित परमिट के रिकॉर्ड से मिलान कर ऑटो को कलर कोड दिए जा रहे हैं। ऑटो-टैंपो का भौतिक सत्यापन करने के लिए रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी), फिटनेस प्रमाण पत्र, परमिट और मालिक व चालक के आधार कार्ड व ड्राइविंग लाइसेंस की फोटो कॉपी जमा कराई जा रही है। ऑटो पर कलर कोड के लिए चालक से 40 रुपये पेंटर द्वारा लिए जा रहे हैं।
रजिस्टर में ऑटो-टेंपो की डिटेल के अलावा मालिक की फोटो चस्पा की जा रही है। पूरा डाटा डिजिटल किया जाएगा, ताकि कंप्यूटर पर एक क्लिक करते ही पूरी जानकारी मिल सके। कलर कोड सिर्फ उन्हीं ऑटो को जारी किए जा रहे हैं, जिनके पास पूरे दस्तावेज हैं। जो ऑटो अवैध पाए जाएंगे उन्हें ब्लैक लिस्ट कर कार्रवाई की जाएगी। ट्रैफिक पुलिस 15 दिन तक शिविर में कलर कोड जारी करेगी, इसके बाद चेकिंग की कार्रवाई शुरू की जाएगी। बिना कोड के ऑटो पकड़ने का अभियान चलाया जाएगा।
रंग के आधार पर होगी पहचान
एनसीआर ऑटो पर आगे और पीछे लाल रंग के घेरे में कोड नंबर लिखे जा रहे हैं, सिटी परमिट के ऑटो-टैंपो पर नीला घेरा बनाकर कोड लिखा जा रहा है। दादरी परमिट के ऑटो पर पीला घेरा और कासना परमिट के ऑटो पर काला घेरा बनाकर सफेद रंग से कोड अंकित किया जा रहा है।
बुकिंग के आधार पर सवारी लाने की छूट
अगर किसी को ग्रेटर नोएडा, दादरी या कासना से नोएडा आना होगा तो ऑटो बुक कराकर आने की छूट होगी। सवारी लेकर आने वाले ऑटो तय गंतव्य पर पहुंचने के बाद वहीं से वापस अपने परमिट क्षेत्र में जाना होगा। चेकिंग के दौरान परमिट क्षेत्र से बाहर फुटकर सवारियां ढोते पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
किस क्षेत्र में कितने ऑटो परमिट
कलर कोड संख्या
सिटी (नीला) 2347
एनसीआर (लाल) 1996
दादरी (पीला) 4146
कासना (काला) 6617
बिना कलर कोड के ऑटो-टैंपो अब नहीं चलेंगे। इस पूरी प्रक्रिया के बाद पता चल जाएगा कि जिले में कितने अवैध ऑटो चल रहे हैं। कलर कोड के आधार पर कार्रवाई आसान होगी। – गणेश प्रसाद साहा, डीसीपी ट्रैफिक