यूपी पुलिस भर्ती के नोटिफिकेशन में ही सरकार ने कह दिया, किसी भी समय निरस्त हो सकती है भर्ती
उत्तर प्रदेश में पुरुषों एवं महिलाओं के लिए उप निरीक्षक नागरिक पुलिस तथा पुरुषों के लिए प्लाटून कमांडर, पीएसी, एवं अग्निशमन द्वितीय अधिकारी के पद पर सीधी भर्ती निकली है। इसी महीने उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं प्रोन्नति बोर्ड ने विज्ञप्ति जारी की है। जिसमें बताया गया है कि परीक्षा कुल 9534 रिक्त पदों के लिए कराई जाएगी। इसके लिए आवेदन भरने की तिथि 1 अप्रैल, 2021 से शुरू होगी। आवेदन शुल्क चार सौ रुपए हैं।

माजरा क्या है?
इस नोटिफिकेशन के बिंदु 1.3 में एक बात लिखी गई है। जिसे यहां अक्षरशः छापा जा रहा है। “प्रथम परीक्षा के पूर्व किसी भी समय रिक्तियों की संख्या परिवर्तित हो सकती है तथा यह भर्ती किसी भी समय या भर्ती के किसी भी स्तर पर बिना कोई कारण बताए निरस्त की जा सकती है।”
मजेदार बात है कि सरकार पहले ही कह दे रही है कि भर्ती कभी भी निरस्त हो सकती है। या रिक्त पदों की संख्या बदली जा सकती है। उससे भी दिलचस्प यह है कि सरकार ये काम बगैर कोई कारण बताए कर देगी। इस बिंदु में लेकिन यह नहीं बताया गया कि अगर भर्ती निरस्त हुई तो आवेदन के चार सौ रुपए लौटाए जाएंगे या नहीं। लेकिन बड़ा सवाल ये है कि क्या कोई भी सरकार इतनी आसानी से यह बात कह सकती है? सरकारी नौकरी के लिए युवा वर्ग आज अपनी जान की कीमत लगा दे रहा है। लाखों खर्च कर परीक्षा की तैयारी कर रहा है। जल्दी भर्ती परीक्षाएं नहीं कराई जा रही हैं। बड़ी मुश्किल से ऐसा मौका आया भी तो सरकार इस तरह की बेतुकी बातें कर रही है। क्या ये सरेआम राज्य के युवाओं को ठगने का काम नहीं है?
कायदे से इस नोटिफिकेशन में युवाओं को ये भरोसा दिलाया जाना चाहिए था कि ये भर्ती समय से पूरी की जाएगी। इसमें कोई गड़बड़ी नहीं होगी। परीक्षा से पहले पर्चे लीक नहीं होंगे। परीक्षा होने के बाद रिजल्ट समय से आएगा। किसी कारण से ये मामला कोर्ट में नहीं जाने दिया जाएगा। तय समय के भीतर चयनित अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र बांटे जाएंगे। समय से ट्रेंनिग दी जाएगी। लेकिन इसके बावजूद सरकार खुलेआम कह रही है कि यह भर्ती किसी भी समय निरस्त कर दी