COVID-19 Vaccination: क्या पीएम मोदी ने चुनावी रण भी साधने की कोशिश की,पढें पूरी रिपोर्ट

नई दिल्ली. कोरोना वायरस (Coronavirus In India) के संक्रमण से बचाव के लिए टीकाकरण अभियान के पहले दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने टीका लगवाया. पीएम मोदी ने इसकी जानकारी खुद दी. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में जाकर प्रधानमंत्री ने टीका लगवाया. फिलहाल पीएम को कोरोना रोधी टीके की पहली खुराक मिली है. पीएम मोदी ने इस टीकाकरण के जरिये कई संदेश देने की कोशिश भी की है.

पीएम मोदी ने लगवाई भारत बायोटेक की कोवैक्सीन
हालांकि पीएम मोदी को एम्स में जो वैक्सीन लगाई गई, वह भारत बायोटेक द्वारा निर्मित कोवैक्सीन ही थी. माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री ने इससे विपक्षी दलों समेत देश के सभी लोगों को यह संदेश दिया है कि कोवैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है. बता दें कोवैक्सीन पूरी तरह से मेड इन इंडिया वैक्सीन है. इसके निर्माण में ICMR ने भी सहयोग दिया है.

टीकाकरण के जरिये चुनावी रण साधने की कोशिश?

इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने टीकाकरण के दौरान चुनावी रण भी साधने की कोशिश की है. प्रधानमंत्री के सोशल मीडिया अकाउंट से जो तस्वीर जारी की गई है उसमें वह असमिया गामोशा (गमछा) पहने नजर आ रहे हैं.
प्रसार भारती न्यूज़ सर्विस की ओर से दी गई एक जानकारी के अनुसार पीएम को वैक्सीन लगाने वाली सिस्टर पुड्डुचेरी की निवासी हैं. PBNS ने बताया कि सिस्टर पी निवेदा ने पीएम की कोरोना रोधी टीके की पहली खुराक दी. उन्‍हें पुडुचेरी की रहने वाली सिस्टर पी निवेदा (Sister Niveda) ने भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (Covaxin) लगाई. इसके बाद पीएम मोदी ने सिस्‍टर निवेदा से कहा, ‘लगा भी दी, पता ही नही चला.’ पीएम मोदी को कोरोना वैक्‍सीन लगाने के बाद सिस्‍टर निवेदा ने मीडिया से कहा, ‘सर (पीएम मोदी) को भारत बायोटेक की कोवैक्‍सीन लगाई गई है. उन्‍हें दूसरी डोज 28 दिन बाद दी जाएगी. उन्‍होंने हमसे पूछा कि हम कहां के रहने वाले हैं और टीकाकरण के बाद उन्‍होंने कहा कि लगा भी दी, पता ही नहीं चला.’  बता दें पुडुडुचेरी में भी चुनाव चल रहे हैं. केंद्रशासित प्रदेश में अब तक एक बार भी भारतीय जनता पार्टी या उसकी अगुवाई वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी NDA की सरकार नहीं बनी है. भाजपा की पूरी कोशिश है कि वह दक्षिण में कांग्रेस के इस किले को पूरी तरह से ढहा दे. गौरतलब है कि राज्य में फिलहाल राष्ट्रपति शासन लागू है. कांग्रेस के कई विधायकों द्वारा इस्तीफा दिये जाने के बाद वेलू नारायणसामी की अगुवाई वाली सरकार अल्पमत में आ गई थी, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया.

 

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