डायरेक्ट सेलिंग: भारत मे बेरोजगारी ख़त्म करने का विकल्प कैसे बन सकता है, पढ़े पूरी रिपोर्ट
डायरेक्ट सेल्स या डायरेक्ट सेलिंग डिस्ट्रीब्यूशन का एक ऐसा तरीका है जिसमे डायरेक्ट सेलर के माध्यम से प्रोडक्ट को बेचा जाता है। ये डायरेक्ट सेलर अपने आप में स्वतंत्र होते हैं, ये कंपनी के कर्मचारी के श्रेणी में नही आते हैं और न ही इनको कर्मचारियों की तरह मासिक सैलेरी मिलती है। डायरेक्ट सेलिंग एक व्यापार करने का एक सुगम व सरल माध्यम हैं। जिसमे कंपनी बिना किसी बिचैलियो के सीधे तौर पर अपना प्रोडक्ट व सेवाओं की मार्केटिंग अपने ग्राहको तक करती हैं। इससे उपभोक्ता व विक्रेता सीधे कंपनी से जुडे होते हैं। इतना ही नही इसके वितरक अपने निजी संपर्क से काम कर सकतें हैं। RCM, AMWAY, ओरिफ्लेम, एवॉन और मोदीकेयर इंडिया की जानी-मानी डायरेक्ट सेलिंग कंपनियां हैं।
●भारत में डायरेक्ट सेलिंग का क्या है भविष्य:–
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स आफ कमर्स एंड इंडस्ट्री ( FICCI ) की रिपोर्ट के अनुसार 2025 तक डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री 64000 करोड़ को पार कर जाएगी । भारत में टोटल डायरेक्ट सेलर्स 2025 तक 18000000 ( 1 करोड़ 80 लाख ) हो जाएंगे ।
● डायरेक्ट सेलिंग से जुडी कुछ महत्वपूर्ण बातें
डब्ल्यू.एफ.डी.एस.ए. ( World Fedration of Direct Selling Association ) की रिपोर्ट 2019-20 के अनुसार पूरी दुनिया में इस समय लगभग लगभग 120 मिलियन लोग डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री में काम करते हैं । ( एक मिलियन का मतलब होता है 1000000 तो आप 120 मिलियन को 1000000 से गुणा ( * ) कर सकते हैं और जो रिजल्ट आएगा वह आपका टोटल संख्या होगा । )
पूरी दुनिया में 15.2 मिलियन ऐसे लोग हैं जो नेटवर्क मार्केटिंग या डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री में कैरियर के रूप में काम करते हैं ।
पूरी दुनिया में 44.2 मिलियन लोग ऐसे हैं जो डायरेक्ट सेलिंग या नेटवर्क मार्केटिंग इंडस्ट्री में पार्ट टाइम में काम करते हैं और इसके साथ अपना कोई व्यवसाय या जॉब करते हैं ।
डायरेक्ट सेलिंग या नेटवर्क मार्केटिंग इंडस्ट्री में 60.5 मिलियन ऐसे लोग हैं जो इस काम को केवल प्रोडक्ट यूज करने के लिए करते हैं। इसलिए डायरेक्ट सेल्लिंग में बहुत सारे ऐसे लोग होते हैं जो Inactive होते हैं ।
पूरी दुनिया में डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री में 74% महिलाएं और 26% पुरुष काम करते हैं ।
★ क्या है काम करने का तरीका:
डायरेक्ट सेलिंग कंपनी इंडिपेंडेंट सेल्स रिप्रेजेंटेटिव्स का नेटवर्क बनाती है, जो अपने पर्सनल नेटवर्क या कॉन्टैक्ट यूज करके प्रॉडक्ट्स बेचते हैं। ये कंपनी के एंप्लॉयी नहीं होते। ये लोग सेल्फ एंप्लॉयड माने जाते हैं और उन्हें कमिशन मिलता है। आजकल डायरेक्ट सेलर्स इंटरनेट और सोशल नेटवर्किंग साइट्स का इस्तेमाल भी करते हैं।
★ कितने प्रकार होती है ये कंपनी:
● डायरेक्ट सेलिंग कंपनियां दो तरह की होती हैं-
1. सिंगल लेवल मार्केटिंग (एसएलएम) :
एसएलएम कंपनियां सेल्स रिप्रेजेंटेटिव्स को उनकी पर्सनल सेल्स ऐक्टिविटी पर इनकम का एक हिस्सा कमिशन देती हैं।
2. मल्टिलेवल मार्केटिंग (एमएलमए):
एमएलएम में सेल्स रिप्रेजेंटेटिव दूसरे लोगों को सेल्स टीम से जोड़कर अपना डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क खड़ा कर सकते हैं। उन्हें अपने रिक्रूट्स की सेल्स पर कमिशन या बोनस मिलता है। यह इंडिया में डायरेक्ट सेलिंग का सबसे पॉप्युलर मॉडल है।
★ डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री विवादस्पद क्यों है?
कई मल्टी लेवल कंपनियों के डायरेक्ट सेलिंग असोसिएशन ऑफ द यूएस और प्राइज चिट्स एंड मनी सर्कुलेशन बैनिंग ऐक्ट, 1978 के तहत बनाए गए नियमों का पालन नहीं करने से इंडस्ट्री विवादों में फंस गई। नियम कहते हैं कि चेन का कोई भी मेंबर सिर्फ नया सेल्सपर्सन रिक्रूट करके या रेफर करके कमाई नहीं कर सकता। अगर मेंबर्स को सिर्फ रिक्रूटमेंट से कमाई होती है तो चेन पोंजी स्कीम बन जाती है जिसमें लोगों की इनकम तब बढ़ती है, जब नए लोग इसमें (इनसे पिरामिड का बेस बनता है) जुड़ते हैं। नियम के हिसाब से रिक्रूटर को इनकम तभी होनी चाहिए, जब वह कुछ सेल करे। सेल से नई इकनॉमिक ऐक्टिविटी शुरू होती है और सेलर के कमीशन को चेन में शामिल दूसरे लोगों में बांटा जा सकता है।
★ किस मंत्रालय के अधीन है ये इंडस्ट्री:
उपभोक्ता मामलात मंत्रालय के अनुसार इस गाइडलाइन को डायरेक्ट सेलिंग गाइडलाइन- 2016 के नाम से जाना जाएगा। इस गाइडलाइन में सरकार ने कुल नौ धाराएं शामिल की हैं, जिनकी 52 उपधाराओं को जोड़ा गया है। इस गाइडलाइन के साथ ही देशभर में चल रही पोंजी और पिरामिड स्कीमों पर रोक लगेगी और उत्पादों पर आधारित कंपनियों को नई ऊंचाईयां छूने का अवसर मिलेगा।
● क्या है IDSA
Indian Direct Selling Association (IDSA)एक Direct Selling कंपनी का संध है। जो की भारत में Multi Level Marketing (MLM) मे Direct Selling करने वाली कंपनीयों के हित मे और सरकार द्धारा निर्धारित नीतियों के बीच माध्यम के रूप काम करती है। इसके साथ ही IDSA सलाह और परामर्श की गतिविधियों के माध्यम से व्यापार करने वाली Direct Selling कंपनीयों और सरकार के बीच समानता बनाऐं रखने मे भी सफल रही है। ग्राहको और उपभोगताओ के बीच विश्वसनीयता बढाने मे भी इसका बहुत बड़ा योगदान रहा है। IDSA ने Direct Selling कंपनीयों को दिशा-निर्देश भी दिऐ, की वह IDSAद्धारा बनाऐ गऐ कानुन के तहत काम करें जिससे की वह होने वाले नुकसान से बच सके।
क्या है IDSA का इतिहास
Indian Direct Selling Association (IDSA) की स्थापना 1996 में की गई थी। IDSA- Multi Lavel Marketing (MLM) क्षेत्र की सबसे बड़ी वैश्विक संस्था WFDSA की सदस्य है।दुनिया भर मे Direct Selling के बाजारो मे जानी-मानी कंपनीयां ही IDSA की सदस्य के रुप मे चुनी जाती है। जैसे- RASHA, RELIANCE,DBA,Oriflame India, Modicare, Tupperware India, Max Life Insurance, Avon, Amway, Hindustan UnileverNetwork, 4Life India जैसी 18 नामची कंपनियां IDSAकी सदस्य हैं।
जानकारी के अनुसार दुनिया भर से Multi Lavel Marketing मे Direct Selling का बाजार मे सालाना कारोबार करीब 98 अरब डालर का है। और इसमें करीब 5.8 करोड़ लोग काम करते है।
क्या है IDSA का मिशन
IDSA निजी पेशेवर और वित्तीय विकास के लिए Direct Selling कंपनी, सरकार और हितधारकों के साथ मिलकर Direct Selling के लिए एक नीतिगत ढांचा तैयार करती है।जिसके तहत इसके सभी सदस्यो को एक साथ मिलकर पूर्ण रुप से स्वतंत्रता से व्यापार कर सकते है।
WFDSA की सदस्य है IDSA
WFDSA का पुरा नाम (World Federation of Direct Selling Associations) है। और इसकी स्थापना सन 1978 में की गई थी। WFDSA विश्व स्तर पर national Direct Selling उद्योग का प्रतिनिधित्व करने