चाइल्ड हुड कैंसर सर्वाइवर्स ने कार रैली के जरिये जागरूकता फैलाई
चाइल्ड हुड कैंसर सर्वाइवर्स ने कार रैली के जरिये जागरूकता फैलाई और प्रधानमंत्री मोदी से चाइल्ड हुड कैंसर पर नेशनल प्लान बनाने का निवेदन किया
पिछले 4 साल में 3,00,000 प्लेज से ज्यादा इकट्ठा किया जोकि प्रधान मंत्री मोदीजी के भेट किया जायेगा।
नई दिल्ली, 16 फरवरी 2021:- कैन किड्स किड्स कैन, जो की एक नेशनल सोसायटी है जो कि चाइल्ड हुड कैंसर पर काम करती है ने नई दिल्ली में एक कार रैली का आयोजन किया। इस कार रैली में कैंसर सर्वाइवर्स, कैंसर सर्वाइवर्स बच्चो के माता पिता , स्वयंसेवकों, कैन किड्स एंबेसडर और डोनर प्रतिभागियों में बढ़ चढ़ का हिस्सा लिया। पूरा दिन चले इस रैली ने दिल्ली में महत्वपूर्ण सरकारी कार्यालयों, WHO दक्षिण-पूर्व एशिया, कलावती सरन चिल्ड्रन हॉस्पिटल और निति आयोग का चक्कर लगाया। इंडिया गेट और कनॉट प्लेस से होते हुए यह रैली स्वास्थ्य मंत्रालय, और लोक कल्याण मार्ग में प्रधान मंत्री के निवास के लिए गए।
चाइल्डहुड कैंसर सर्वाइवर्स ऑफ किड्स कैन कोंनेक्ट ( द टीनएज एंड यंग एडल्ट सर्वाइवर ग्रुप ऑफ़ कैन किड्स ) ने पिछले 4 साल की कड़ी मेहनत से इंडिया और पूरी दुनिया से 3,00,000 प्लेज को इकट्ठा किया है। चाइल्ड हुड कैंसर सर्वाइवर्स के लीडर चंदन, रितु, संदीप, अक्रिति और देब का कहना है कि “हम इन्हें माननीय पीएम मोदी के सामने पेश करना चाहते हैं और बचपन के कैंसर के लिए एक राष्ट्रीय योजना के लिए पूछना चाहते हैं:- मेरा हक-विचार: समान देखभाल।
इन चाइल्डहुड कैंसर सर्वाइवर्स बच्चो ने इंडिया गेट, सेंट्रल पार्क और कलावती सरन चिल्ड्रन हॉस्पिटल में नुक्कड़ नाटक “मेरा हक” भी किया। जिसके माध्यम से बच्चो ने लोगो को अपनी कैंसर से लड़ाई के बारे बताया। नुक्कड़ नाटक के जरिये यह भी बताया की भारत में बच्चे कैंसर से मर रहे हैं, क्या कारण हैं चाहते हैं और क्या किया जाना चाहिए। आई कैंसर सर्वाइवर विकास ने पुछा “मुझे इलाज कराने से पहले 22 अस्पतालों में जाने की आवश्यकता क्यों थी।” ब्लड कैंसर सर्वाइवर देव मुख़र्जी की मांग है कि “मेरे परिवार को मेरे इलाज के लिए कोलकाता से दिल्ली तक क्यों जाना पड़ा।”
पूनम बागई, कैंसर सर्वाइवर पेशेंट एडवोकेट और फाउंडर चेयरमैन कैन किड्स का कहना है कि “यह स्टेकहोल्डर इंगेजमेंट और एडवोकेसी की कहानी भी है। आज , सभी पालिसी मेकर्स चाइल्ड हुड कैंसर के डिस्कशन पर तैयार हो चुके है जिनमे इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स – पीएचओ, InPOG, कई राज्य सरकारें, 100 से अधिक अस्पताल संस्थान, 34 सिविल सोसायटी संगठन, माता-पिता और सर्वाइवर्स समूह। हमारे पास कई अंतर्राष्ट्रीय बाल चिकित्सा ऑन्कोलॉजी संगठनों का समर्थन है। अगर हम डब्ल्यूएचओ के 60% सरवाइवल लक्ष्य तक पहुंचना चाहते हैं, तो हमें अपनी हेल्थ एक्सेस में सुधार करना होगा। और यह तभी होगा जब चाइल्ड हुड कैंसर को देश के कैंसर नियंत्रण योजना और एनपीसीडीसीएस में जगह मिलेगी। हम चाइल्ड हुड कैंसर के लिए एक राष्ट्रीय योजना चाहते हैं। ”