बसंत पंचमी 2021: गँगा मे डुबकी और माँ सरस्वती की आराधना , बसन्त पंचमी का ये त्यौहार कुछ है ख़ास
मां श्री महासरस्वती की आराधना का पावन पर्व बसंत पंचमी आज मनाया जा रहा है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जिस तरह सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही सभी देवता, नाग, राक्षस, गंधर्व आदि एक माह के लिए पृथ्वी आते हैं। उसी प्रकार सूर्य के कुम्भ राशि में प्रवेश से ॠतुओं के राजा बसंत का पर्व रतिकाम महोत्सव का शुरुआत होता है। वैसे तो बसंत ऋतु की पूरी अवधि महत्वपूर्ण है, लेकिन इसका आरम्भ सर्वाधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि, इस दिन ज्ञान की अधिष्ठात्री देवी माँ सरस्वती का प्राकट्यपर्व भी मनाया जाता है।
★ क्या महत्व है बसंत पंचमी का :—-
हिंदू धर्म में बसंत पंचमी या वसंत पंचमी का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा के साथ पवित्र नदी में गंगा स्नान का भी महत्व है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। बसंत पंचमी के दिन अबूझ मुहूर्त होता है। जिसमें विवाह, सगाई और निर्माण जैसे शुभ कार्य बिना मुहूर्त के किए जाते हैं।
कहते हैं कि अगर कुंडली में विद्या बुद्धि का योग नहीं है या शिक्षा में बाधा आ रही है तो बसंत पंचमी के दिन पूजा करके उसे ठीक किया जा सकता है। इस साल बसंत पंचमी 16 फरवरी 2021 (मंगलवार) को है। कहते हैं कि बसंत पंचमी के दिन कुछ बातों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। जानिए-
★ बसंत पंचमी के दिन न करें ये गलतियां-
बसंत पंचमी के दिन पीले या सफेद वस्त्र पहनने चाहिए। काले या लाल वस्त्र न पहनें। मां सरस्वती की पूजा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके शुरू करनी चाहिए। बसंत पंचमी के दिन पूजा सूर्योदय के बाद ढाई घंटे या सूर्यास्त के बाद के ढाई घंटे में करनी चाहिए। इस दिन पूजा के दौरान मां सरस्वती को पीले या सफेद पुष्प जरूर अर्पित करने चाहिए। प्रसाद में मिसरी, दही व लावा आदि का प्रयोग करना चाहिए। इस दिन वाद-विवाद से बचना चाहिए।