Lipstick Boy: लौंडा नाच की संस्कृति को बताती पिक्चर, भोजपुरिया माटी में रची-बसी इनकी कलाकारी
फिल्म निर्देशक अनुभव ठाकुर ने बताया कि लिपिस्टिक ब्वॉय की कहानी बिहार के नवादा जिला के रहने वाले कुमार उदय सिंह पर आधारित है। उदय सिंह लंबे समय से लौंडा नाच करते आ रहे हैं। पहले तो इस कला को कहीं सम्मान नहीं मिलता था।
धनबाद । भोजपुरी के प्रसिद्ध साहित्यकार भिखारी ठाकुर के नाटकों में स्त्री के किरदार पुरुषो के द्वारा किया जाना आम बात थी। स्त्रियों के कपड़े पहन मंच पर ठुमके लगाना, गीत गाना और अदाकारी दिखाना भिखारी ठाकुर के नाटकों में आम रहा है। ऐसे युवाओं को बिहार, उत्तर प्रदेश और झारखंड के कुछ इलाकों में लौंडा के नाम से जाना जाता है। अब ऐसे लौंडा यानी लड़कों के दर्द को बड़े पर्दे जल्द देखने को मिलेगा। फिल्म निर्देशक-लेखक अनुभव ठाकुर की होली पर आने वाली फिल्म लिपिस्टिक ब्वॉय में लौंडा नाच करने वालों की जिंदगी को दर्शाया गया है।
★ बिहार के नवादा के कुमार उदय की जीवनी की कहानी :
फिल्म निर्देशक अनुभव ठाकुर ने बताया कि लिपिस्टिक ब्वॉय की कहानी बिहार के नवादा जिला के रहने वाले कुमार उदय सिंह पर आधारित है। उदय सिंह लंबे समय से लौंडा नाच करते आ रहे हैं। पहले तो इस कला को कहीं सम्मान नहीं मिलता था, लेकिन कला क्षेत्र से जुड़ी संस्थाओं ने उदय सिंह को सम्मानित कर इस कला को सम्मान दिया। एक निजी काम से धनबाद आए ठाकुर ने बताया कि यह फिल्म बायोपिक है। कुमार उदय सिंह की सच्ची कहानी पर आधारित है। ठाकुर के अनुसार उदय सिंह को लौंडा नाच करना पसंद है, लेकिन इस नाच को लेकर उन्हें जिंदगी में ढेरों कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। स्थितियां यह रही कि कई जगहों पर अपमानित भी होना पड़ा, लेकिन उदय सिंह ने कभी हार नहीं मानी।
★ सुहागरात इम्पासिबल के बाद लिपिस्टिक ब्वॉय :-
उदय सिंह की जिंदगी के इसी उधेड़बुन को कहानी में पिरोते हुए अनुभव ठाकुर ने कहानी लिखी और उसका निर्देशन भी किया। ठाकुर ने कहा कि इस फिल्म से उन्हें काफी उम्मीद है। बताते चलें कि इससे पहले अनुभव ठाकुर की एक फिल्म यह सुहागरात इम्पासिबल भारत के अलावा चीन में रिलीज हो चुकी है। लिपिस्टिक ब्वॉय की पूरी शूटिंग बिहार के पटना और कुमार उदय सिंह के गांव में हुई है।