बजट 2021: “हम हैं ना” और “सब ठीक हो जायेगा” का विश्वास सरकार दिलाने में कामयाब हुई : डॉ. विनोद सिंह
ग्रेटर नोएडा : किसी भी कार्य को शौर्य और पराक्रम की कसौटी पर करना हो तो उन परिस्थितियों का आकलन आवश्यक हो जाता है जिन परिस्थितियों में वह कार्य किया गया है I आज जो हालात कुछ हद तक सामान्य नजर आ रहे है पिछले साल भर दृश्य दूसरा ही था I कोरोना काल में फैक्ट्री की चिमनियों से धुआं निकलना क्या बंद हुआ वह गुबार लोगों की आँखों के सामने आकर खड़ा हो गया I वर्तमान की चिंता, भविष्य की धुंधली तस्वीर ने लोगों के मन में निराशा का भाव भर दिया था I वित्त मंत्री के सामने सबसे बड़ी चुनौती इसी घोर निराशा के वातावरण को चीर कर आशा एक उत्साह का संचार करने की थी I यहाँ अंको की बाजीगरी करने के स्थान पर जनता को सरकार की नीति से ज्यादा नीयत पर भरोसा दिलाना था I जो काम वित्तमंत्री एवं भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर ने आपसी समझ बूझ और तालमेल के साथ यथाशक्ति और यथासम्भव किया I आर्थिक नीति व मौद्रिक नीति का इतना सुन्दर समन्वय व तालमेल इतिहास के पन्नो में ढूँढना शायद संभव न हो I “हम हैं ना” और “सब ठीक हो जायेगा” का विश्वास सरकार दिलाने में कामयाब हुई है I यदि इस के प्रमाण देखने हों तो दिल्ली से निकलकर सुदूर गांव देहात में जाकर देखने होंगे I ज्ञान और कौशल एवं शोध और अनुसन्धान पर विश्वास का ही परिणाम है कि कनाडा का प्रधानमंत्री भी भारत सरकार से कोरोना बैक्सीन की आपूर्ति की मांग करता है I कब कब हमने देखा कि जिस समय अमेरिका और यूरोप बीमारी से परेशान लोगों को मरते देखने को विवश है वहीं भारत अपनी परिस्थिति को संभाल कर दूसरे देशों की मदद कर पाने की मुद्रा में दिख रहा है I और औषधि भी वसुधैव कुटुंबकम और करुणा भाव से दूसरे देशों को दी जा रहे है न कि व्यापर के भाव से I विश्व पटल पर भारत की गरिमामयी उपस्थिति भारत सरकार के साहसिक प्रयास का ही परिणाम है, जो कि चीन की अधिनायक वाद की नीति को भी असहजकर रहा है I
नये विश्वविद्यालयों की स्थापना हो या मेडिकल कॉलेज की, साबरमती नदी पर उतरते विमान की हो या चीनी सीमा पर चमचमाती सड़कों की, बात चाहें हो लगातार ऊंचाई की तरफ बढ़ते निफ्टी और सेंसेक्स की या फिर गांव मैं बैठी गरीव माँ के घर गैस का चूल्हा पहुंचाने की, बजट ने सभी को यथाशक्ति यथासंभव सहेजने का काम किया है I जब विश्वाश व उत्साह से मेरी जनता अपने व्यक्तिगत लक्ष्य को भारत के वृहद लक्ष्य के साथ एकाकार कर देती है तभी विलक्षण परिणाम आना संभव होता है I अब हम आप को अपनी ताकत का याद करना है और इस यज्ञ में अपनी आहुति देनी है I तभी यह राजसूय यज्ञ अपनी विजय पताका के साथ सम्पूर्ण होगा I