वाराणसी: अबकी बार, महिलाओं की सरकार, 233 गांव में ग्राम प्रधान बनेंगी महिलाएं, जानें OBC और SC के लिए कितने गांव हुए आरक्षित
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में पंचायत चुनाव में 233 गांव ऐसे हैं जिनकी ग्राम प्रधान महिलाएं होंगी। पंचायती राज निदेशालय से शुक्रवार को जिलावार ग्राम प्रधानों के आरक्षण का चक्रानुक्रम जारी होने के बाद यह स्थिति स्पष्ट हुई। इसके अनुसार, अनुसूचित जनजाति की महिलाओं के लिए आठ, अनुसूचित जाति की महिलाओं के लिए 43, पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए 66 और सामान्य वर्ग की महिलाओं के लिए 116 सीटें आरक्षित होंगी।
इस बार बनारस की 694 ग्राम पंचायतों में चुनाव होगा। जबकि पिछली बार 760 ग्राम पंचायतों में चुनाव हुए थे। 67 ग्राम पंचायतों के शहरी सीमा में शामिल होने के बाद इस बार पंचायत चुनाव की तस्वीर भी बदल गई है। शासन से आरक्षण का फार्मूला जारी होने के बाद अब जिला पंचायती राज विभाग साल 1995 से आरक्षण की स्थिति के आधार पर नया आरक्षण लागू करने में जुट गया है। हालांकि 16 व 17 फरवरी को लखनऊ में प्रशिक्षण के बाद ही वास्तविक रूप से इसका काम शुरू होगा। डीपीआरओ शाश्वत आनंर्द ंसह ने कहा कि आरक्षण के नए दिशा-निर्देश के मुताबिक ग्राम पंचायतों के दस्तावेज खंगाले जा रहे हैं। दो मार्च तक आरक्षण सूची जारी करने के निर्देश मिले हैं।
बड़ागांव, चिरईगांव व चोलापुर ब्लाक प्रमुख पद अनारक्षित
वाराणसी। शासन की ओर से देर रात जिले के आठों ब्लॉक पर प्रमुख पदों के आरक्षण की घोषणा कर दी गयी है। इसमें बड़ागांव, चिरईगांव व चोलापुर ब्लॉक प्रमुख पद को अनारक्षित कर दिया गया है। वहीं आराजीलाइन ब्लॉक को महिला के लिए आरक्षित कर दी गयी है। वहीं काशी विद्यापीठ ब्लॉक पिछड़ा महिला, हरहुआ एससी महिलाएं और पिंडरा सेवापुरी ब्लॉक को पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित कर दिया गया है। बनारस में पांच साल में 87 गांवों की दो लाख से ज्यादा ग्रामीण आबादी शहरी हो गई है। लोहता के भी नगर निगम में शामिल होने से तस्वीर बदली है।