दिल्ली-एनसीआर में किसानों के हक़ की लड़ाई लड़ेगा “जय जवान- जय किसान मोर्चा”
ग्रेटर नोएडा। नए भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार बाजार दर का 4 गुना मुआवजा, रोजगार तथा पुनर्वास एवं पुनर्व्यवस्थापन की सभी सुविधाएं दिए जाने की मांग को लेकर आन्दोलन कर रहे ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे से प्रभावित किसान दिल्ली एनसीआर के किसानों को एकजुट करने के लिए जय जवान जय-किसान मोर्चा का गठन किया गया। जिसके तहत दिल्ली मुम्बई औद्योगिक कॉरिडोर(डीएमआईसी) से प्रभावित तथा अंसल बिल्डर हाईटेक बिल्डरों के साथ-साथ ही जेवर में प्रस्तावित अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से प्रभावित किसानों के हक की लड़ाई लड़ी जाएगी।
किसान नेता सुनील फौजी ने प्रेसवार्ता में बताया कि मोर्चा दिल्ली एनसीआर में नोएडा, ग्रेटर नोएडा तथा यमुना प्राधिकरण के दफ्तरों तथा थाना व तहसीलों में हो रहे प्रशासनिक भ्रष्टाचार के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग को तथा भ्रष्ट अधिकारियों को बर्खास्तगी के लिए आन्दोलन करेगा।
पैरीफेरल में प्रशासन द्वारा सुप्रिम कोर्ट के आदेश की पूर्ण रूप से व्याख्या नहीं की जा रही है। आदेश में कहीं भी नहीं लिखा गया है कि किसान को 2013 के कानून का लाभ दिए बगैर जबरन हाईवे बनाया जाय। प्रदेश व केन्द्र सरकारें अपनी जिम्मेदारी पर पर्दा डालने के लिए आदेश की पूरी व्याख्या नहीं कर रही है।
किसानों का कहना है कि गाजियाबाद के समान मुआवजा मिलने पर कोई भी किसान विरोध नहीं करेगा। सुनील फौजी ने बताया कि किसानों को उनका अधिकार जबतक नहीं मिलेगा ईस्टर्न पेरीफेरल का काम रोका जाएगा, जिसके लिए जिले के 400 गांवों में से हर एक गांव में से सौ-सौ सदस्य बनाए जाएंगे,इसी के साथ गाजियाबाद, फरीदाबाद, पलवल, बागपत, गुड़गांव व सोनीपत में भी अभियान चलाकर सदस्य बनाया जाएगा। 3 सितम्बर को महापंचायत बुलाया जाएगा उसी में आन्दोलन की रुपरेखा तय की जाएगी कि जिले में चलने वाले प्रोजेक्टों को लेकर लड़ाई लड़ी जाएगी।