बीएचयू आईआईआईटी दीक्षांत समारोह : कॉलेज-विश्वविद्यालय ही नहीं, समाज भी है बड़ा शिक्षक
वाराणसी। बीएचयू आईआईटी के नौवें दीक्षांत समारोह में सोमवार को 1461 छात्र-छात्राओं को डिग्रियां दी गईं। स्वतंत्रता भवन में आयोजित समारोह में बीटेक के सर्वाधिक 755, एमटेक व एमफार्मा के 294, आईडीडी/आईएमडी के 259 और 153 शोध विद्यार्थियों को डिग्रियां दी गईं। कंप्यूटर साइंस के छात्र, चित्तौड़गढ़ (राजस्थान) के अंकन बोहरा ने प्रेसीडेंट्स समेत सर्वाधिक सात स्वर्ण पदक, एक रजत और डॉ. एनी बेसेंट पुरस्कार पाकर अपनी मेधा का परचम लहराया। केमिकल इंजीनियरिंग के छात्र अवनीश सिंह को छह स्वर्ण के साथ दो अन्य पुरस्कार मिले। इलेक्ट्रानिक्स इंजीनियरिंग के छात्र अमन श्रेष्ठा को पांच गोल्ड मेडल और दो अवार्ड मिले।
★ झांसी की अनन्या को दो गोल्ड :—
स्वर्ण पदक पाने वाले 52 स्नातकों की सूची में यूपी के खाते में सिर्फ तीन पदक आए। इनमें डायरेक्टर्स गोल्ड मेडल और आईआईटी गोल्ड मेडल झांसी की अनन्या गुप्ता को मिला। तीसरा आईआईटी बीएचयू गोल्ड मेडल बनारस की छात्रा ऐश्वर्या शर्मा ने प्राप्त किया।
दीक्षांत के मुख्य अतिथि यूएसए की क्लाउड बेस्ड इंफार्मेशन सिक्योरिटी कंपनी के सीईओ और संस्थान के एलुमनाई जय चौधरी ने ऑनलाइन संबोधन में कहा कि शिक्षा का कोई अंत नहीं है। यह सिर्फ विद्यालय और विश्वविद्यालय से नहीं मिलती, बल्कि समाज से भी हमें रोज कोई न कोई शिक्षा मिलती है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए तेजस फेम एलुमनाई पद्मश्री डॉ. कोटा हरिनारायण ने बेंगलुरु से कहा कि यह दिन बेहद खास है। न सिर्फ मेरे लिए बल्कि उन छात्र-छात्राओं के लिए भी जो आज उपाधि प्राप्त कर रहे हैं। अपनी योग्यता और मेधा के बल पर विद्यार्थियों ने खुद को संस्थान में प्रमाणित किया है। उपाधि प्राप्त करने के बाद अब उनकी समाज में प्रमाणित करने की बारी है। संस्थान के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने मेधावियों को उपाधि, पदक और पुरस्कार प्रदान किए। समारोह में शैक्षणिक अधिष्ठाता स्नातक श्याम बिहारी द्विवेदी, सह शैक्षणिक अधिष्ठाता कोर कोर्सेज प्रो. सांत्वना मुखोपाध्याय, प्रभारी कुलसचिव राजन श्रीवास्तव उपस्थित थे।
सभी के लिए महत्वपूर्ण होगी साइबर सिक्योरिटी
आईआईटी बीएचयू के नौंवे दीक्षांत समोराह के मुख्य अतिथि यूएसए की क्लाउड बेस्ड इंफार्मेशन सिक्योरिटी कंपनी के सीईओ जय चौधरी ने कहा कि आज के युग में साइबर सिक्योरिटी की खास महत्ता है। आने वाले समय में साइबर सिक्योरिटी एक-एक व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण होने वाली है। स्वतंत्रता भवन में करीब नौ मिनट के ऑनलाइन संबोधन में उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा, मुझे गौरव की अनुभूति हो रही है कि मेरी सफलता की नींव बीएचयू में पड़ी। इलेक्ट्रानिक इंजीनियरिंग विभाग में बिताए गए तीन साल मेरे जीवन के सबसे महत्वपूर्ण साल थे। अमेरिका के सर्वाधिक अमीर भारतीयों में शुमार, पांच स्टार्ट-अप टेक कंपनियों का निर्माण करके फोर्ब्स की सूची में स्थान पाने वाले जय चौधरी ने अपने संघर्ष को साझा करते हुए बताया, कक्षा दस तक मुझे नहीं पता था कि मुझे क्या करना है। मेरे गांव के स्कूल की तीन किताबों वाली लाइब्रेरी में मिली इलेक्ट्रानिक्स की एक किताब ने मेरा मार्गदर्शन किया।
समारोह की अध्यक्षता कर रहे स्वदेशी फाइटर जेट तेजस फेम पद्मश्री डॉ. कोटा हरिनारायण ने बेंगलुरु से ऑनलाइन संबोधन में कहा कि बीएचयू से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के दौरान मेरे शिक्षकों ने मेरे अंदर खास जज्बा भर दिया था। उन शिक्षकों की वह प्रेरणा मेरे अंदर आज भी मौजूद है। मैंने जो कुछ भी किया, वह बीएचयू के बिना संभव नहीं था। एयरो इंजीनियरिंग में मास्टर डिग्री और आईटी मुम्बई से पीएचडी करने के पीछे भी बीएचयू की प्रेरणा थी। मुझे विश्वास है कि मेरे बीएचयू में अब भी वैसे योग्य शिक्षक होंगे और आप के अंदर भी वैसा जज्बा भरा गया होगा।
वेहतर से बेहतरीन की यात्रा पर ले जाने का है संकल्प : प्रो. प्रमोद कुमार जैन
वाराणसी। आईआईटी बीएचयू ने कोरोना काल के बाद भी बहुत बेहतर काम किया है। आईआईटी बीएचयू को बेहतर से बेहतरीन की यात्रा पर ले जाने के संकल्प को पूरा करने के लिए हम पूरी दृढ़ता के साथ अपने काम को अंजाम तक पहुंचा रहे हैं। ये बातें आईआईटी बीएचयू के निदेशक प्रो. प्रमोद कुमार जैन ने दीक्षांत समारोह के उद्घाटन सत्र में अपने स्वागत भाषण में कहीं।
बीते एक वर्ष में आईआईटी बीएचयू की उपलब्धियां गिनाते हुए उन्होंने कहा कि इस कालखंड में इस संस्थान ने देश के दूसरे बड़े संस्थानों और निगमों के साथ मिलकर समाज के उत्थान की दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम बढ़ाए हैं। इनमें अंतरिक्ष विज्ञान से लेकर कोयला गुणवत्ता सुधार करने तक के विभिन्न उपक्रम शामिल हैं। उन्होंने कहा, विविध पाठ्यक्रमों में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने वालों के साथ कुल 1461 डिग्रीधारियों से अपेक्षा करता हूं कि संस्थान से उन्होंने जो कुछ भी पाया है, उसका गई गुना करके वे समाज को लौटाने के लिए तत्पर रहेंगे। ऐसा करके वे देश के सच्चे नागरिक होने का कर्तव्य ईमानदारी से निभाएंगे। श्रेणियों में 80 स्वर्ण एवं रजत पदक, 16 अवार्ड पर हक जमाने वाले विद्यार्थियों से कहीं अधिक अपेक्षा है।