विपक्षी सांसदों का स्पीकर को पत्र, कहा- गाजीपुर बॉर्डर पर भारत-पाक सीमा जैसे हालात
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला को 10 विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने गुरुवार को पत्र लिखकर कहा कि गाजीपुर बॉर्डर पर हालात भारत-पाकिस्तान सीमा जैसे हैं और किसानों की स्थिति जेल के कैदियों जैसी है। शिरोमणि अकाली दल, द्रमुक, एनसीपी और तृणमूल कांग्रेस समेत इन पार्टियों के 15 सांसद को गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शनकारी किसानों से मिलने गए थे पर वह किसानों से नहीं मिल सके।
★ नही हो पाई किसानों की और सांसदो की मुलाक़ात :–
आंदोलन कर रहे किसानों से मिलने पहुंचे 10 विपक्षी दलों के 15 सांसदों को बैंरग लौटना पड़ा। गुरुवार को गाजीपुर में किसानों से मिलने गए सांसदों की टीम का हिस्सा रहीं हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि 13 लेयर की बैरिकेडिंग उन्होंने हिंदुस्तान में पाकिस्तान बार्डर पर भी नहीं देखी।
विपक्ष के सांसदों की टीम में अकाली दल सांसद हरसिमरत कौर बादल, एनसीपी सांसद सुप्रीया सुले डीएमके सांसद कनिमोझी, टीएमसी सांसद सौगत राय और त्रिरुची शिवा प्रमुख थे, सांसदों को तमाम कवायद के बाद भी पुलिस ने उन्हें बैरिकेडिंग पार करके प्रदर्शन स्थल पर जाने की अनुमति नहीं दी। लिहाजा उनको किसानों से बिना मिले वापस लौटना पड़ा। सांसदों ने हालात का जायजा लिया और कुछ किसान नेताओं से मुलाकात करके उनका दर्द सांझा किया। सांसदों ने कहा कि अब वह लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला से मिलकर उन्हें पूरा हाल बताएंगे।
पुलिस ने किसानों के मंच तक जाने की कोशिश कर रहे सांसदों को यूपी गेट पर ही रोक दिया। सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा तीन किलोमीटर तक बैरीकेडिंग लगी हुई है। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि किसान कैसे रहते होंगे। शिरोमणि अकाली दल की नेता ने सोशल मीडिया पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की। सरकार पर हमला करते हुए कौर ने कहा किसानों को सांसदों से मिलने नहीं दिया जा रहा है। वह समान विचारधारा रखने वाली पार्टियों और गाजीपुर सीमा पर किसानों से मिलने आए थे, उन्होंने कहा वह शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे किसानों पर हो रहे अत्याचार की निंदा करती हैं।
सांसदों को उनसे मिलने नहीं दिया जा रहा है। यह वास्तव में लोकतंत्र के लिए काला दिन है। एनसीपी सांसद सुप्रीया सुले ने कहा हम किसानों के साथ हैं। हम सरकार से किसानों से बातचीत करने का अनुरोध करते हैं।