हौंडा कार इंडिया लिमिटेड के खिलाफ आंदोलन करेंगे कर्मचारी , हौंडा कार्स लिमिटेड ने रखाअपना पक्ष
ग्रेटर नोएडा : आज होंडा एंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन का गठन किया गया है। जिसके बाद एसोसिएशन ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की. प्रेस विज्ञप्ति में लिखा है अवगत होना चाहे की होंडा कार इंडिया लिमिटेड ग्रेटर नोएडा के द्वारा लगभग 900 कर्मचारियों को बिना किसी कारण नौकरी से निकाल दिए जाने के विरुद्ध आज दिनांक 24-12-2020 को बीटा-2, G-232 ऑफिस पर कृष्ण भाटी की अध्यक्षता में मीटिंग आहूत की गई। मीटिंग में कर्मचारियों द्वारा सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि आगे की लड़ाई के लिए होंडा एंप्लाइज वेलफेयर एसोसिएशन (हेवा) नाम का संगठन बनाते हुए लड़ी जाएगी।
संगठन के प्रवक्ता प्रो अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि होंडा कंपनी अरबों के मुनाफे पर चल रही है तथा कर्मचारियों की सेवा शर्तों के विरुद्ध उनको निकाला गया है । इस अन्याय के विरोध में कर्मचारी शासन प्रशासन मे न्याय की गुहार लगा चुके हैं परंतु कोई सुनवाई नहीं हो रही है। लोग दर-दर भटक रहे है कोई सुनने वाला नहीं है। शासन प्रशासन के उदासीन रवैया से नाराज़ होकर इस संगठन को बनाया है जिससे सड़क की लड़ाई लड़ी जाएगी। सभी कर्मचारियों को पुन: नौकरी पर रखा जाए यही मांग है। इस अवसर पर कई कर्मचारी मीटिंग में उपस्थित रहे।
इस मामले में हौंडा कार्स लिमिटेड ने अपना पक्ष रखा – कंपनी के बारे में जो आरोप लगाए जा रहे हैं वे पूर्णतः असत्य, आधारहीन और तथ्यों से परे हैं एवं संस्थान की छवि को खराब करने के उद्देश्य से लगाए गए हैं! हम इनका खंडन करते हैं! हम आपको विश्वास दिलाते हैं की हौंडा कार्स ब्रांड विश्वास पर आधारित है! कंपनी ने वी आर एस (VRS) प्रोग्राम को निष्पादित करते हुए नैतिकता, Corporate Governance एवं कानूनी अनुपालन का पूरा ध्यान रखा है! हमारा हमेशा से लक्ष्य सभी साथी कर्मचारियों के स्वास्थ्य कल्याण और भलाई पर केंद्रित रहा है! हम पूरे विश्वास के साथ ये कह सकते हैं की हमारी वी आर एस स्कीम (VRS) पूरी इंडस्ट्री में सर्वोत्तम थी और ऐसे में असंतोष का कोई कारण नहीं होना चाहिए! वी आर एस (VRS) प्राप्तकर्ता पूर्व श्रमिकों ने जिला प्रशासन के समक्ष अपनी शिकायत रखी है और हम प्रशासन के साथ इस मामले में पूर्ण सहयोग कर रहे हैं!
इधर सूत्र बताते हैं जनवरी व फरवरी 2020 में 278 कर्मचारियों को को वीआरएस दिया गया। साथ ही उन्हें 40 से 50 लाख रुपये दिए गए। इसके बाद लॉक डाउन हो गया। अक्टूबर माह में दूसरे चरण में कुछ कर्मचारियों को वीआरएस दिया गया। उन्हें 50 से 60 लाख रुपये के अलावा 7 लाख रुपये बोनस भी दिया गया।