शारदा विश्विद्यालय में न्यायपालिका व कार्यशैली पर संगोष्ठी का आयोजन
शारदा विश्वविद्यालय, विधि संकाय ने संविधानिक मूल्यों बनाए रखने में न्यायपालिका की भूमिका पर एक वृहद राष्ट्र आभासी संगोष्ठी का किया आयोजन ।
ग्रेटर नोएडा, नॉलेज पार्क -3 स्थित , शारदा विश्वविद्यालय के विधि संकाय ने 21 नवंबर, 2020 को “संविधानिक मूल्यों को बनाए रखने में न्यायपालिका की भूमिका ” पर वृहद राष्ट्रस्तरीय आभासी संगोष्ठी का आयोजन किया। संगोष्ठी के आरंभ में मुख़्य अतिथि के रूप में, निवर्तमान न्यायमुर्ति, उच्चतम न्यायालय श्री दीपक मिश्र, विशिस्ट अतिथि के रूप में, कुलाधिपति, शारदा विश्विद्यालय, श्री पी.के गुप्ता व पूर्व कानून सचिव, भारत सरकार, पी.के मल्होत्रा उपस्थिति रहे, व समापन समारोह में, मुख़्य अतिथि के रूप में न्यायमूर्ति उच्चतम न्यायालय आदरणीया इंदिरा बैनर्जी व विशिष्ट अतिथि के रूप में, कुलपति, सिब्बाराम खारा व उप-कुलपती प्रोफेसर गिरीश की गरिमामयी उपस्तिथि रही, कार्यक्रम की अध्यक्षता विधि संकाय अधिष्ठाता श्री प्रदीप कुलश्रेष्ठा ने की, व श्री कुलश्रेष्ठ ने बाताया की, संगोष्ठी में 100 के करीब सोध पत्र प्राप्त हुए, जिनमें से मात्र 50 को चयनित किया गया व श्री कुलश्रेष्ठ ने विधि संकाय की अल्प समय में उपलब्धियों पर चर्चा की, श्री पी.के गुप्ता ने, संकाय को अपने सुभेक्षाएं व सुभकामनाएँ प्रेषित की व अतिथियों का स्वागत करते हुए, विधि संकाय का मार्गदर्शन करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया, श्री मल्होत्रा, ने संवैधानिकता को बनाए रखने में न्यायपालिका की भूमिका को समझाया, नियमों को बनाए रखने में अदालतों द्वारा निभायी जाने वाली भूमिका पर चर्चा की, न्यायमूर्ति श्री दीपक मिश्रा जी ने कहा कि, न्यायिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता अंततः न्याय प्रशासन करने के तरीके पर निर्भर करती है, न्यायपालिका अपने निर्णयों के माध्यम से सामाजिक न्याय को बढ़ावा निरंतर देती है व न्यायालय सदैव अपनी भूमिका पूर्ण निष्ठा से निभाता रहेगा, समापन समारोह के संबोधन के दौरान न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी ने कहा कि, “हमारे लोकतंत्र का आधार कानून का शासन है और इसका मतलब है कि हमारे पास एक स्वतंत्र न्याय तंत्र, है, जो निर्णय दे रहा है, जो की राजनीतिक वेग से विचलित नहीं होता व अडिग रहता हैं ।
संगोष्ठी वृहद होने के नाते तीन अधिवेशनों को एक समय चलाना पड़ा व काफी ज्ञान व तर्क वर्धक विचार प्रस्तुत किये गए, कार्येक्रम का संचालन शिवांगी सिंह ने किए।कार्यक्रम के समापन में, धन्यवाद ज्ञापन, सहायक प्राध्यापक, ऋतु गौतम व दिव्यशील त्रिपाठी ने दिया, जिसमें उन्होंने समस्त अतिथियों को व कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रत्यक्ष व परोक्ष रूप से सभी की भूमिका के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया ।