आई.एचजी.एफ़. (IHGF) दिल्ली मेले का 50वाँ संस्करण वर्चूअल प्लैट्फ़ॉर्म पर आज से आरम्भ
नई दिल्ली – 4 नवंबर‘2020 – श्री राकेश कुमार, महानिदेशक – ईपीसीएच ने कहा कि श्री राज कुमार मल्होत्रा और श्री कमल सोनी, उपाध्यक्ष- ईपीसीएच, श्री राकेश कुमार, महानिदेशक-ईपीसीएच, श्री आर.के. वर्मा, कार्यकारी निदेशक – ईपीसीएच और प्रशासन समिति के सदस्य की मौजूदगी में आज, श्री रवि के पासी, अध्यक्ष, ईपीसीएच द्वारा वर्चुअल आई॰एच॰जी॰एफ़॰ दिल्ली मेला शरद ऋतु 2020 के 50 वें संस्करण का उद्घाटन किया गया।
श्री रवि कपूर, सचिव (कपड़ा), भारत सरकार और श्री शांतमनु, विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार ने भी कोरोना संकट के दौरान आई॰एच॰जी॰एफ़॰- दिल्ली मेले के 50 वें संस्करण के आयोजन पर अपनी शुभकामनाएँ दी जिससे हस्तशिल्प क्षेत्र को मजबूत करने के प्रयासों को जारी रखने के लिए हस्तकला निर्यातक बिरादरी की अदम्य भावना प्रतिबिंबित होती है।
अपने संदेश में, श्री रवि कपूर, सचिव (कपड़ा), भारत सरकार ने सभी प्रदर्शकों को एक बहुत ही सफल प्रदर्शन के लिए शुभकामनाएँ दी और वर्तमान महामारी के दौरान वर्चूअल संस्करण को धारण करने के लिए ई॰पी॰सी॰एच॰ को बधाई दी। उन्होंने आगे कहा कि वर्चूअल मेले के इस संस्करण के साथ उन निर्यातकों को जो अपने घरों, अपनी उत्पादन इकाइयों में फंसे हुए हैं, उनको मेले के माध्यम से व्यापार करने का पर्याप्त अवसर मिलेगा और उनक ख़र्चों का समाधान होगा, और भारतीय हस्तशिल्प को भी बढ़ावा मिलेगा।
श्री शांतमनु, विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार ने अपने संबोधन में सभी खरीदारों और प्रदर्शकों का जिनमें कारीगर शामिल हैं, आई॰एच॰जी॰एफ़॰ दिल्ली मेले शरद ऋतु 2020 के वर्चूअल प्लैट्फ़ॉर्म पर स्वागत किया। उन्होंने दीवाली, क्रिसमस और जल्दी ही आ रहे नए साल के साथ त्यौहारों के मौसम की शुरुआत के बारे में और हस्तशिल्प, गिफ़्ट्स, लाइटिंग और डेकोरेटिव जैसी वस्तुओं के दुनिया भर के ख़रीदारों के लिए सोर्सिंग गंतव्य के रूप में आई॰एच॰जी॰एफ़॰ दिल्ली मेले का महत्व बताया। उन्होंने अपने देशों में खरीदारों के बीच शो को बढ़ावा देने के लिए दुनिया भर में फैले भारतीय दूतावासों और उच्च आयोगों को धन्यवाद दिया।
श्री रवि के॰ पासी, अध्यक्ष – ईपीसीएच ने उस रिकवरी के बारे में बात की, जो चालू वित्त वर्ष में पहली दो तिमाहियों में भारी नकारात्मक वृद्धि दर्ज करने के बाद अकेले सितंबर महीने में हस्तशिल्प के निर्यात में देखी गई है, उन्होंने प्रदर्शकों के साथ-साथ विदेशी खरीदारों और उनके प्रतिनिधियों द्वारा आई॰एच॰जी॰एफ़॰ दिल्ली मेला शरद ऋतु 2020 का हिस्सा बनने के लिए दी गई भारी प्रतिक्रियायों के बारे में भी बात की।
इस अवसर पर बोलते हुए, श्री राज कुमार मल्होत्रा, उपाध्यक्ष-ईपीसीएच ने आई॰एच॰जी॰एफ़॰ दिल्ली मेले के 50 वें संस्करण में सभी का स्वागत किया और इस बात का उल्लेख किया कि परिषद द्वारा एक बार फिर से साबित कर दिया गया है कि कड़ी मेहनत और समर्पण से हमेशा मुश्किलों से पार पाया सकता है और चुनौतियों को अवसरों में परिवर्तित किया जा सकता है। आई॰एच॰जी॰एफ़॰ मेले का यह वर्चुअल संस्करण प्रदर्शकों और खरीदारों को एक व्यवहार्य विपणन विकल्प प्रदान करेगा। ईपीसीएच द्वारा व्यापक प्रचार अभियान के साथ, बड़ी संख्या में विदेशी खरीदारों, थोक विक्रेताओं और खुदरा विक्रेताओं ने पहले ही शो का दौरा करने के लिए पंजीकरण कर लिया है।
ईपीसीएच के महानिदेशक श्री राकेश कुमार ने 1994 से आई॰एच॰जी॰एफ़॰ दिल्ली मेले की यात्रा को साझा किया क्योंकि यह शो एक छत के नीचे हस्तशिल्प निर्यातकों की सबसे बड़ी मण्डली के रूप में लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड द्वारा प्रमाणित होने से पहचाने जाने लगा है। उन्होंने आगे कहा कि वर्तमान महामारी के कारण, आई॰एच॰जी॰एफ़॰ के 50 वें संस्करण को भौतिक रूप में नहीं रखा जा सकता था, लेकिन पिछले वर्चूअल शो की तुलना में एक बार फिर से बड़ी संख्या में प्रदर्शकों के साथ-साथ खरीदारों के लिए अवसरों की वर्चूअल पेशकश की जा रही है।
ईपीसीएच के महानिदेशक श्री राकेश कुमार ने कहा कि शो के पहले दिन वेबिनार, शिल्प प्रदर्शन और फैशन शो भी देखे गए। भारत के क्षेत्रीय शिल्पों को “भारत के क्षेत्रीय शिल्पों के विशेष मंडप” के माध्यम से वर्चूअल मंच पर प्रदर्शित किया गया है, जिसमें देशभर के 110 कारीगर, आर्टिस्टिक ब्लू पॉटरी, पालगढ़, महाराष्ट्र से वारली आर्ट, केरल के पारंपरिक स्क्रूपाइन शिल्प, जयपुर की पारम्परिक मीनाकारी, वाराणसी के लकड़ी के लाह के बर्तन और खिलौने, जम्मू और कश्मीर के पारंपरिक शॉल शिल्प जैसे उत्पादों का प्रदर्शन करते हैं।
क्षेत्रीय शिल्प मंडप का उद्घाटन करते हुए, श्री शांतमनु, आईएएस, विकास आयुक्त (हस्तशिल्प), ने खरीदारों और उनके प्रतिनिधियों को भारत के क्षेत्रीय शिल्प मंडप का दौरा करने के लिए और समस्त भारत से विभिन्न प्रकार के शिल्प और बुनाई प्रदर्शित कर रहे लगभग 120 कारीगरों से बातचीत करने और सोर्सिंग के लिए आमंत्रित किया।
A choice of 2000+ products and 300+ trend specific design developments complete the supply chain of home fashion & utility, collectibles, gifting, decoratives, Home Décor, Furnishing, Carpet, Furniture and fashion accessories.
उन्होंने आगे कहा, शो आज 25 वर्चुअल हॉल के साथ लाइव हो गया है जिसमें 12 उत्पाद खंड अच्छी तरह से फैले हुए हैं। इन श्रेणियों के लगभग 1400 प्रदर्शक गिफ़्ट्स एंड डेकोरेटिवस | फर्नीचर और ऐक्सेसरीज़ | होम फ़र्निशिंग हाउसवेयर | लैम्प्स एंड लाइटिंग | क्रिसमस और फ़ेस्टिव डेकोर | कार्पेट एंड रग | बाथरूम एंड बाथ ऐक्सेसरीज़ | गार्डेन एंड आउट्डोर | हैंडमेड पेपर प्रॉडक्ट्स एंड स्टेशनेरी | ईको-फ़्रेंडली/नेचुरल फ़ाइबर प्रॉडक्ट्स | कैंडल्ज़ इंसेंस एंड पॉपरी | फ़ैशन ज्वेलरी, ऐक्सेसरीज़ एंड बैग्ज़ इत्यादि का इष्टतम संग्रह प्रस्तुत करेंगे। 2000 उत्पादों और 300+ ट्रेंड विशिष्ट डिजाइन के विकसित विकल्प होम फैशन एंड यूटिलिटी, कलेक्टिबलस, गिफ़्टिंग, डेकोरेटिव, होम डेकोर, फर्निशिंग, कार्पेट, फर्नीचर और फैशन ऐक्सेसरीज़ की आपूर्ति श्रृंखला को पूरा करते हैं।
श्री राकेश कुमार, महानिदेशक – ईपीसीएच द्वारा सूचित किया गया कि वर्ष 2019-20 के दौरान हस्तशिल्प निर्यात 25,270.14 करोड़ रुपये था, इस वर्ष के शुरू के छह महीनों के दौरान अर्थात् अप्रैल-सितंबर 2020-21 के दौरान 8425.64 करोड़ रुपए और 1121.38 मिलियन यू॰एस॰ डालर का है।