ड्रग विभाग की छापेमारी, बिना लाइसेंस के चल रहे मेडिकल स्टोर से जब्त की हज़ारों की दवाइयां
ग्रेटर नोएडा के दादरी में ड्रग्स विभाग के अधिकारियों ने मेडिकल स्टोर्स पर औषधियों की मानकों के अनुरूप पर्याप्त उपलब्धता एवं गुणवत्ता की जांच के लिए छापा मारा, दो संदिग्ध दवाई के नमूने भरने की कर्रवाही करते हुए बाकी बची सभी दवाई को जब्त कर लिया गया। अधिकारियों का कहना है कि दवाओं के जांच रिपोर्ट आने पर आरोपी के खिलाफ न्यायालय में औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम के तहत मुकदमा दायर किया जाएगा।
अवैध रूप से चल रहे दादरी के मेडिकल स्टोर पर ड्रग्स विभाग के इंसपेक्टर वैभव बब्बर कि टीम ने छापा मारा । अंकित मेडिकल स्टोर जिसके संचालक आनंद कुमार के स्टोर से दो संदिग्ध औषधि के नमूने संग्रहित किए गए, एवं जन औषाधि केंद्र, संचालक संदीप कुमार से एक संदिग्ध औषधि के नमूने संग्रहित कर लिए गए। औषधि निरीक्षक वैभव बब्बर ने जानकारी देते हुए अवगत कराया है कि नमूनों को जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा जा रहा है जिनकी रिपोर्ट आने पर विभागीय कार्यवाही की जाएगी। ड्रग्स विभाग के छापा मरने की सूचना मिलते ही आस पास के मेडिकल स्टोर शटर बन्द कर भाग गए।
अधिकारियों का कहना था कि मेडिकल स्टोर का संचालन कर रहे व्यक्ति ने मेडिकल स्टोर पर बेची जा रही दवाइयों का लाइसेंस ना ही कोई खरीदने और बेचे जा रहे दवाई के बिल अधिकारियों को दिखाया गया। दो संदिग्ध दवाई के नमूने भरने की कर्रवाही करते हुए बाकी बची सभी दवाई को जब्त कर लिया गया। अधिकारियों का कहना है कि दवाओं के जांच रिपोर्ट आने पर आरोपी के खिलाफ न्यायालय में औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम के तहत मुकदमा दायर किया जाएगा। जांच रिपोर्ट आने पर, औषधि एव प्रसाधन अधिनियम 1940 की धारा 18 /27 के अंतर्गत जांचोपरांत सक्षम न्यायलय में मुकदमा दायर किया जाएगा। उन्होंने बताया कि दवाओं के जांच रिपोर्ट आने पर आरोपी के खिलाफ न्यायालय में औषधि एवं प्रसाधन अधिनियम के तहत वाद दायर किया जाएगा जिसमें दस लाख रुपए का जुर्माना और उम्र कैद की सजा का प्रावधान है।