बिमटेक ने मनाया अपना 33 वां स्थापना दिवस समारोह 

ग्रेटर नोएडा : बिमटेक की स्थापना 1988 में बिरला अकादमी ऑफ़ आर्ट एंड कल्चर  के मार्गदर्शन से हुई  थी । जहाँ हर छात्र उस समुदाय का हिस्सा बनकर विकास और सफलता के लिए  अवसर पाता  है जहाँ हर कोई अपने आप में और दूसरों में सर्वश्रेष्ठ खोजने का प्रयास करता है। । संस्थान छात्रों के साथ मिलकर सकारात्मक माहौल बनाने के लिए कड़ी मेहनत करता है जहां हर व्यक्ति की ताकत और प्रतिभा को बढ़ाया जाता है और उसे प्रोत्साहित किया  जाता है।

यह संस्थान निर्देशक डायरेक्टर एच. चतुर्वेदी के मार्गदर्शन में भारतीय संस्कृति की  विरासत से  मिले मूल्यों और कला का प्रदर्शन  करने में कोई कसर नहीं छोड़ता  है।  कला , संस्कृतिक और  समाजिक कार्यक्रम  के द्वारा हम भारत के दशकों पुराने  इतिहास से जुड़े रहते   है  ।  परिसर का हर भाग  विविधता और दशकों पुरानी विरासत को संरक्षित करने के मकसद से गूँजता है। परंपराएं और उत्सव किसी का इंतजार नहीं करते।

इस साल  बिमटेक अपने 33rd फाउंडेशन डे का सुभारंभ करेगा। यह 2 अक्टूबर 2020 को बहुत उत्साह के साथ ऑनलाइन मोड में सुबह 10:30 बजे से मनाया गया। बिमटेक  की 33rd इस्थापना दिवस के अवसर पर अतिथियों ने गणमान्य व्यक्तियों डॉ. ऋषीकेश .टी. किरीष्णन, निर्देशक, IIM बेंगलुरु, CMCD के चेयरपर्सन डॉ. ए .के. डे एवम  बिमटेक के निर्देशक डॉ. हरिवंश चतुर्वेदी की उपस्थिति को देखा। छात्रों और अभिभावकों ने उत्साहपूर्वक बिमटेक की परंपराओं में भाग लिया।

यह कार्यक्रम महात्मा गांधी के पसंदीदा भजन के साथ शुरू हुआ, फिर परंपरा के अनुसार, सभी का स्वागत बिमटेक के निर्देशक डॉ. हरिवंश चतुर्वेदी के भाषण के साथ हुआ। उन्होंने स्थापना दिवस के महत्व को समझाया और बात की कि कैसे बापू ने हमेशा सहानुभूति का प्रचार किया। सम्मानित मुख्य अतिथि डॉ. ऋषीकेश टी कृष्णन ने हमारे प्रिय संस्थापकों स्वर्गीय श्री बसंत कुमार बिरला और श्रीमती सरला बिरला को श्रद्धांजलि अर्पित की। उनके भाषण का मुख्य विषय इनोवेशन और आत्मनिर्भर भारत था, उन्होंने इंडियन मोटरसाइकिल इंडस्ट्री के संदर्भ में इनोवेशन के बारे में बात की। उन्होंने मोबाइल फोन उद्योग के संदर्भ में नवाचार के महत्व को समझाया, उन्होंने डॉ. देवी शेट्टी द्वारा स्वास्थ्य सेवा उद्योग में नवाचार के विषय पर भी बात की। “अगर भारतीय कंपनियों को नए विचार वेग का निर्माण करके आत्मनिर्भर होना है, तो उन विचारों के अनुपात को बढ़ाएं जो सफलतापूर्वक परिवर्तित हो जाते हैं”- डॉ. कृष्णन ने कहा। उन्होंने छात्रों द्वारा आत्मनिर्भरता और रिवर्स वैश्वीकरण की भारत यात्रा पर कुछ सवालों के जवाब दिए।

इसके बाद प्रतिष्ठित बसंत कुमार बिरला प्रतिष्ठित विद्वान पुरस्कार, 2019 का सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसे डॉ. शैफाली गुप्ता, एमआईसीए ,डॉ. अर्पण कर, आईआईटी दिल्ली और डॉ. रामेंद्र सिंह, आईआईएम कलकत्ता। सभी पुरस्कार विजेताओं ने शिक्षा की भूमिका को स्वीकार किया, उनके परिवार के प्रति आभार व्यक्त किया और संस्थानों को शोधकर्ता बनने पर जोर दिया। डॉ. गुप्ता ने कहा, “मैं अकादमिक का हिस्सा होने के लिए धन्य हूं और इस पुरस्कार को उन लोगों को समर्पित करता हूं जिन्होंने मुझे शोधकर्ता के रूप में अपनी यात्रा के लिए प्रेरित किया।”

बेस्ट रिसर्च अवार्ड 2019 डॉ. सुभंजन सेनगुप्ता को दिया गया, बेस्ट टीचर अवार्ड डॉ.अमरेन्द्र पांडे को दिया गया और डॉ. जगदीश.एन.शेठ को बेस्ट थीसिस अवार्ड से सम्मानित किया गया। संस्थान के कर्मचारियों को भी इस संस्थान में एक दशक सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए सम्मानित किया गया।

बिमटेक के रजिस्ट्रार डॉ. केसी अरोड़ा द्वारा सबसे प्रतीक्षित वार्षिक गतिविधि रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। संस्थान का इन-हाउस रिसर्च जर्नल शोधगयान भी प्रस्तुत किया गया था। संस्था ने अपने सेंटर फॉर ऑनलाइन स्टडीज (COOLS) को सफलतापूर्वक लॉन्च किया, जिसे सेंटर फॉर ऑनलाइन स्टडीज के अध्यक्ष डॉ. संजीव शंकर दुबे ने प्रस्तुत किया। COOLS ने एक प्रमुख EdTech प्लेटफॉर्म UPGRAD के साथ भागीदारी की है, जिसके माध्यम से बिमटेक ऑनलाइन शिक्षा के क्षेत्र में प्रवेश करेगी और 1 जनवरी, 2021 से ऑफ-कैंपस शिक्षार्थियों के लिए AICTE स्वीकृत दो वर्षीय PGDM कार्यक्रम पेश करेगी।

इस कार्यक्रम का समापन बिमटेक के उप निर्देशक डॉ.अनुपम वर्मा ने किया। उन्होंने डॉ. ऋषीकेश कृष्णन को इस अवसर पर उनकी उपस्थिति और ज्ञान की बातें साझा करने के लिए धन्यवाद दिया। “हम आज अपनी सफलता के 33 वें वर्ष को चिह्नित कर रहे हैं, यह हमारी उपलब्धियI और विकास  एक यात्रा है जिसे हम संतुष्टि के साथ देख सकते हैं” डॉ. वर्मा ने कहा। उन्होंने हर स्टेप होल्डर को आगे बढ़ने और ऑफलाइन से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करने की जबरदस्त सफलता के लिए सराहना की। उन्होंने शोध विद्वानों को ‘शोध्ययन’ के शुभारंभ के लिए भी बधाई दी, जहां, शोधकर्ताओं को लेख और शोध पत्र प्रकाशित करने का अवसर मिलेगा।

स्थापना दिवस का आभासी उत्सव एक बहुत ही सकारात्मक नोट पर समाप्त हुआ, सभी नवागंतुकों ने संस्थान और इसकी शानदार नींव के बारे में जानकारी प्राप्त की और आभार जताया I

 

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