लैंगिक न्याय व युवा प्रतिभागिता महत्त्वपूर्ण: जस्टिस मृदुल
ग्रेटर नोएडा : दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति सिद्धार्थ मुदगल ने बुधवार को जेम्टेक स्कूल ऑफ लॉ ,ग्रेटर नोयडा मे अयोजित लैंगिक अनुपात व युवाओ का योगदान विषय पर आयोजित हुए एक दिवसीय वेबिनार में अपने विचार व्यक्त करते हुऐ कहा कि कोई भी देश या समाज लैंगिक न्याय के बिना संपूर्ण विकास हासिल करने का दावा नहीं कर सकता है या न्यायपूर्ण समाज नहीं बन सकता है। वेबिनार के प्रारम्भ मे माननीय न्यायमूर्ति ने संविधान की प्रस्तावना के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।
न्यायमूर्ति ने कहा, सरकार ने कई बदलाव लाए हैं, चाहे वह सैन्य सेवा में महिलाओं की नियुक्ति हो या लड़ाकू पायलटों की चयन प्रक्रिया में हो या रात में खानों में काम करने की उनकी स्वतंत्रता के बारे में हो।
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि संविधान समानता के अधिकार के प्रावधानों के तहत लैंगिक न्याय की गारंटी देता है, और भारत दुनिया के उन कुछ देशों में से है, जिन्होंने स्वतंत्रता के बाद से महिलाओं को वोट देने का अधिकार सुनिश्चित किया है।
उन्होंने कहा कि आजादी के 70 साल बाद चुनावों में महिलाओं की भागीदारी अपने उच्चतम स्तर पर है।
न्यायमूर्ति श्री मुदगल ने यह भी कहा, आज, भारत दुनिया के उन कुछ देशों में से है जो मातृत्व अवकाश में वेतन देने को मंजूरी देता है। श्री मुदगल ने बताया कि न्याय व्यवस्था व नवीन कानून आज महिला सम्मान व लैंगिक सुरक्षता के लिए प्रतिबद्ध है।
ऐसी नीतियां बनाने और आचरण विकसित करने में उन्हें भागीदार बनाया जाना चाहिए जिनमें सभी लिंगों को मान्यता मिले और लैंगिक रूढ़ियों और मानदंडों को चुनौती दी जा सके।
इस मौके पर जिम्स ग्रुप के चेयरमैन डॉक्टर अमित गुप्ता ने कहा कि भारत में पहली बार शैक्षणिक संस्थानों में लड़कियों का नामांकन लड़कों की तुलना में अधिक है क्योंकि भारत का युवा इस लैंगिक असमानता से बहुत दूर निकल आया है।
इस अवसर पर जेम्टेक ,स्कूल ऑफ लॉ की विभागाध्यक्षा प्रोफेसर डॉक्टर पल्लवी गुप्ता ने कहा कि आज समाज में महिलाएं एक हिंसा मुक्त परिवेश में सम्मानपूर्वक जीवन जी सकें, इसके लिए उन्हें सहयोग देने के साथ-साथ उनका आर्थिक सशक्तीकरण भी जरूरी है।
कार्येक्रम के अंत में डॉक्टर अजय त्यागी ने धन्यवाद प्रस्ताव देते हुए कहा कि न्यायमूर्ति श्री मुदगल जी द्वारा दिया गया व्याख्यान युवाओ को मनोबल व सकारात्मक सोच की ओर अग्रसर करेगा। राष्ट्रीय वेबिनार मे देश विदेश के 600 से अधिक विद्यार्थियों व फैकल्टी ने भाग लिया।