हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने गए सीओ समेत आठ पुलिसकर्मी शहीद , सात घायल
कानपुर : यहाँ एक हिस्ट्रीशीटर को पकड़ने गई पुलिस टीम को बदमाशों ने घेर लिया फिर गोलियां से भून डाला . इस घटना में एक क्षेत्राधिकारी यानी डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिस कर्मी शहीद हुए हैं. हमले में सात पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. कानपुर देहात के शिवली थाना इलाके में पुलिस ने बिकरू गांव में दबिश दी थी. पुलिस यहां हिस्ट्रीशीटर विकाश दूबे को पकड़ने गई थी.
दबिश के दौरान बदमाशों ने पुलिस को घेरकर फायरिंग कर दी. इसमें आठ पुलिसवाले शहीद हो गए. विकास दुबे वही अपराधी है, जिसने 2001 में राजनाथ सिंह सरकार में मंत्री का दर्जा पाए संतोष शुक्ला की थाने में घुसकर हत्या की थी. वारदात पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने डीजीपी और अपर मुख्य सचिव गृह से बात की है.
बताया जा रहा है कि बिल्हौर के सीओ देवेंद्र मिश्र, शिवराजपुर के एसओ महेश यादव, दो सब इंस्पेक्टर और 4 सिपाही शहीद हो गए. इसके अलावा सात पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें कई की हालत गंभीर है. पुलिस हत्या के प्रयास के केस में शातिर विकास दुबे को अरेस्ट करने गई थी. विकास के खिलाफ 60 केस दर्ज हैं.
उत्तर प्रदेश के डीजीपी एचसी अवस्थी ने कहा कि विकास दुबे के खिलाफ कुछ दिन पहले हत्या के प्रयास का केस दर्ज किया गया था. पुलिस विकास दुबे को गिरफ्तार करने गई थी. जैसे ही फोर्स गांव के बाहर पहुंची तो वहां जेसीबी लगा दी गई. इस वजह से फोर्स की गाड़ी गांव के अंदर नहीं जा सकी.
डीजीपी एचसी अवस्थी ने बताया कि गाड़ी अंदर जाने के कारण पुलिसकर्मी गांव के बाहर ही उतरे. तभी पहले से घात लगाए बदमाशों ने फायरिंग शुरू कर दी. पुलिस की ओर से भी जवाबी फायरिंग की गई. बदमाश ऊंचाई पर थे. इस वजह से पुलिसकर्मियों को गोलियां लगी है. 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए हैं.
डीजीपी एचसी अवस्थी ने कहा कि अभी हमारा फोकस सभी घायल पुलिसकर्मियों का बेहतर इलाज कराने की व्यवस्था करने के साथ ही विकास दुबे के खिलाफ जारी ऑपरेशन को भी जारी रखना है, ताकि विकास दुबे और उसके साथियों को पकड़ा जा सके. वारदात में इस्तेमाल हथियारों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने की भी कोशिश की जा रही है.
लखनऊ
यूपी डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी का बयान
हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खिलाफ धारा 307 के तहत मामला दर्ज किया गया था, पुलिस उसे गिरफ्तार करने गई थी- हितेश चंद्र
जेसीबी को वहां लगा दिया गया जिससे हमारे वाहन बाधित हो गए। फोर्स के उतरने पर अपराधियों ने गोलियां चलाईं- हितेश चंद्र
जवाबी फायरिंग हुई लेकिन अपराधी ऊंचाई पर थे, इसलिए हमारे 8 लोगों की मौत हो गई- हितेश चंद्र
हमारे लगभग 7 आदमी घायल हो गए। ऑपरेशन अभी भी जारी है क्योंकि अंधेरे का फायदा उठाकर अपराधी भागने में सफल रहे- हितेश चंद्र
आईजी, एडीजी, एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) को ऑपरेशन की निगरानी के लिए वहां भेजा गया है- हितेश चंद्र
कानपुर से फॉरेंसिक टीम मौके पर थी, लखनऊ से एक विशेषज्ञ टीम भी भेजी जा रही थी- हितेश चंद्र
एसटीएफ को तैनात किया गया है। आईजी- एसटीएफ मौके पर पहुंच रहे हैं- हितेश चंद्र
कानपुर एसटीएफ पहले से ही काम पर है। बड़े पैमाने पर अस्पष्टता बरती जा रही है- हितेश चंद्र
यह उस ऑपरेशन के सिलसिले में जारी है जिसके लिए टीम पहले स्थान पर गई थी- हितेश चंद्र