शिक्षक भर्ती घोटाले का हाईकोर्ट के निगरानी में हो एसआईटी जांच: राहुल सेठ
ग्रेटर नोएडा: आम आदमी पार्टी युवा इकाई गौतमबुद्ध नगर के जिलाध्यक्ष राहुल सेठ ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हुए शिक्षक भर्ती घोटाले का हाईकोर्ट के निगरानी में एसआईटी के माध्यम से जांच होना चाहिए .आज आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के द्वारा ट्विटर पर #69000_शिक्षक_भर्ती_SIT_जांच के साथ हजारों लोगों ने ट्वीट किया.
इस मौके पर राहुल सेठ ने ग्रेनोन्यूज संवाददाता से बात करते हुए बताया कि ” बेरोजगारो के लिए उत्तर प्रदेश उनके रोजगार का कब्रगाह बन चुका है यूपी का युवा आँखो मे सपने लिए सालो परीक्षाओ मे सफल होने कि लिए तैयारियाँ करता है लेकिन योगी सरकार की भ्रष्टाचारी सरकारी तंत्र से निराशा के अलावा कुछ नही मिलता है 69000 शिक्षक भर्ती उन्ही नाकामियों का जीता जागता उदाहरण है |
69000 शिक्षक भर्ती की वैंकेंसी निकलने से लेकर परीक्षा का रिजल्ट निकलने के बाद तक यूपी के युवा का भविष्य अधर मे लटक चुका है | इस भर्ती मे नेताओ, सरकारी अफसर, बाबू की दलालो से मिली भगत ने प्रदेश के युवाओ के भविष्य को संकट मे डाल दिया है | आम आदमी पार्टी उत्तर प्रदेश 69000 शिक्षक भर्ती घोटाले के खिलाफ हाइकोर्ट की निगरानी मे SIT जांच की मांग को लेकर हैशटैग #69000_शिक्षक_भर्ती_SIT_जांच चलाया गया .”
क्या है मामला
लिखित परीक्षा के डेढ़ साल बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने सरकार के कट ऑफ मार्क्स के फैसले को सही ठहराया था। कोर्ट ने 65 और 60 फीसदी अंक के साथ रिजल्ट घोषित करने का निर्देश दिया था। जबकि शिक्षा मित्रों की मांग थी कि भर्ती के लिए विज्ञप्ति के वक्त कट ऑफ मार्क्स का जिक्र नहीं किया गया था। लिहाजा चयन 45 और 40 फ़ीसदी अंक के आधार पर ही होना चाहिए। आपको बता दें कि इस परीक्षा में 8018 शिक्षामित्र पास हुए हैं। लिखित परीक्षा के नतीजे जारी होते ही उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र एसोसिएशन ने 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था। वकील गौरव यादव की ओर से दायर इस याचिका में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर रोक लगाने या उसे रद्द करने की मांग की थी।
गौरतलब है कि न्यायमूर्ति आलोक माथुर ने गत तीन जून को प्रदेश में 69000 बेसिक शिक्षकों की भर्ती संबंधी प्रक्रिया पर रोक लगा दी थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की न्यायाधीश अलोक माथुर की बेंच ने 3 जून को 69000 भर्ती की चयन प्रक्रिया पर रोक यह कहते हुए लगा दी थी कि कि परीक्षा के दौरान पूछे गए कुछ प्रश्न गलत थे लिहाजा केंद्रीय अनुदान आयोग द्वारा इसकी फिर से पड़ताल किए जाने की जरूरत है। इस पर उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक विशेष याचिका दायर कर राज्य में 69000 बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया रोके जाने के फैसले को चुनौती दी है।
जानें इस मामले में कब क्या हुआ
कब क्या हुआ-1 दिसम्बर, 2018 को जारी हुआ 69000 शिक्षक भर्ती की लिखित परीक्षा का आदेश-6 जनवरी 2019 को लिखित परीक्षा हुई -7 जनवरी, 2019 को आर्हता अंक तय हुए – 600 से ज्यादा याचिकाएं दायर-30 मार्च, 2020 को हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा- 6 मई को हाईकोर्ट ने 60/65 कटऑफ अंक के पक्ष में फैसला सुनाया- 12 मई को लिखित परीक्षा का रिजल्ट जारी-13 मई को शिक्षक भर्ती के लिए समयसारिणी जारी-18 मई से लिए जा गए शिक्षक भर्ती के आवेदन- 3 जून से शुरू हुई काउंसिलिंग लेकिन हाईकोर्ट ने लगाई रोक.