भारत में पहली बार वर्चुअल मेले IFJAS का आगाज, हस्तशिल्प निर्यातकों के लिए EPCH ने व्यवसाय का अवसर खोला
ग्रेटर नोएडा : अनलॉक 1 का पहला ही दिन ऐतिहासिक रहा जब हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद (ईपीसीएच) के पहले वर्चुअल मेले इंडियन फैशन ज्वैलरी एंड एसेसरीज शो (आईएफजेएएस) का उद्घाटन किया गया। फैशन ज्वैलरी और एसेसरीज उत्पाद के 200 से ज्यादा सदस्य निर्यातक इस पहले वर्चुअल मेले में शिरकत कर रहे हैं। वहीं करीब 1000 से ज्यादा विदेशी ग्राहकों और खऱीदारों ने इस मेले के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया है।
इस मेले का उद्घाटन समारोह भी वर्चुअल तरीके से ही किया गया जिसमें ईपीसीएच के चेयरमैन रवि के पासी, मेले के प्रेसीडेंट श्री विनीत भाटिया, आईएफजेएएस मेले की वाइस प्रेसीडेंट सुश्री नूपुरे बत्रा, बाइंग एजेंट् एसोसिएशन की प्रेसीडेंट सुश्री क्रिश्चियन राय, सीआईआई एंड ई के मुख्य महाप्रबंधक श्री प्रमोद नागपाल, ईपीसीएच के महानिदेशक श्री राकेश कुमार और कार्यकारी निदेशक श्री आर.के.वर्मा भी मौजूद रहे।
मेले का उद्घाटन करते हुए ईपीसीएच के चेयरमैन श्री रवि के पासी ने कहा कि वर्तमान कोविड 19 यानी कोरोना संकट ने हमें लीक से हटकर सोचने का मौका दिया है। जैसे वास्तविक मेले का आयोजन इस संकट के कारण नहीं हो सकता था तो हम सब ने मिलकर वर्चुअल मेले के रुप में एक ऐसा मंच तैयार कर दिया है जिसमें फैशन ज्वैलरी और एसेसरीज के निर्यातक हिस्सा ले रहे हैं। इस मेले में फैशन शो, वेबिनार्स और कारीगरों द्वारा उनकी कला का प्रदर्शन भी किया है।
आईएफजेएएस के प्रेसीडेट श्री विनीत भाटिया ने इस वर्चुअल मेले की शुरुआत की घोषणा करते हुए कहा कि फैशन ज्वैलरी और एसेसरीज उत्पादकों के लिए इस वर्चुअल मेले के जरिए ईपीसीएच ने एक अवसर उपलब्ध कराया है कयोंकि अब वर्चुअल ही आगे बढ़ने का एक रास्ता है। इससे न सिर्फ निर्यातकों को व्यापार के अवसर मिलेगें बल्कि कारीगरों और हस्तशिल्पियों की रोजीरोटी में भी मदद मिलेगी। उन्होंने विदेशी ग्राहकों, उनके प्रतिनिधियों और थोक क्रेताओँ से अपील की कि वो बड़ी संख्या में आएं और आईएफजेएएस के इस पहले मेले से जानकारी हासिल करें।
ईपीसीएच के महानिदेशक श्री राकेश कुमार ने सभी गणमान्य अतिथियों का धन्यवाद देते हुए कहा कि ईपीसीएच के इतिहास में ये ऐतिहासिक अध्याय है जब आईएफजेएएस का पहला वर्चुअल मेला सच्चाई बन चुका है। इस कोरोना संकट ने हमें एक अवसर दिया है जिससे हम वर्चुअल इकोसिस्टम की संभावनाओं को तलाश सकें। उन्होंने अपनी बात को विस्तार देते हुए कहा इस अवसर पर उन्हें वर्ष 1994 की याद आ गयी जब पहला इंडियन हैंडीक्राफ्ट्स एंड गिफ्ट्स मेले का आयोजन किया गया था। उन्होंने स्मृतियां साझा करते हुए कहा कि इस मेले का आयोजन प्रगति मैदान के एक हॉल में किया गया था। आज उन्हें इस मेले की शुरुआत में उसी तरह का अनुभव हो रहा है।
श्री कुमार ने सदस्य निर्यातकों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि हम उन सभी सदस्य निर्यातकों के आभारी हैं जिन्होंने परिषद की क्षमताओं पर भरोसा जताया और उन्ही की भरोसे से ये मेला आयोजित हो सका है। उन्होंने कहा कि वर्चुअल मेले का आयोजन समय की जरुरत है और कोविड 19 के असर खत्म होने तके यानी अगले एक साल आयोजनों को वर्चुअल मोड पर ही किया जा सकेगा। मेले को उत्पादकों, प्रदर्शकों और विदेशी ग्राहकों से बहुत अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। इस मेले के पहले ही दिन 400 से ज्यादा ग्राहक अपने प्रतिनिधियों के साथ शामिल हुए।
बाइंग एजेंट्स एसोसिएशन की प्रेसीडेंट सुश्री क्रिश्चियन राय ने इस मौके पर संबोधित करते हुए कहा कि ग्राहक अब यात्रा नहीं कर सके हैं। ऐसे में उनसे संपर्क करने और संपर्क में बने रहने का बड़ा अवसर हमें मिला है। लंबी दौड़ में बने रहने के लिए हमें वर्चुअल का रास्ता ही अपनाना होगा।
मेले की उपाध्यक्ष सुश्री नूपुर बत्रा ने उद्घाटन के दौरान कहा इस मेले के जरिए अब ग्राहकों को घऱ पर सुरक्षित बैठकर उत्पाद खरीदने का मौका मिल सकेगा।
हस्तशिल्प निर्यात संवर्धन परिषद देश में हस्तशिल्प के निर्यात को प्रोत्साहित करने का शीर्ष संगठन है। इसके साथ ही कारीगरों के जादुई हाथों से बने होम, लाइफस्टाइल, टेक्सटाइल, फैशन और फर्नीचर और अन्य हस्तशिल्प की वैश्विक बाजारों में ब्रांड इमेज बनाने में भी इस संगठन की अहम भूमिका है।
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