मंदिरों के पुजारियों व पंडितों के सामने भुखमरी का संकट, इनके हित में सरकार करे विचार : पं.मूर्तिराम आनंदवर्धन नौटियाल

लॉकडाउन के चलते मंदिरों के पुजारी व घर घर जाकर पूजा अर्चना करने वाले पंडितों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। कोरोना वायरस की वजह से शहर व गांव के मंदिर बंद होने से पुजारियों व पंडितों के परिवार में भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई है। परिवार का भरण पोषण मन्दिरों के चढ़ावे और दान दक्षिणा से करते आ रहे थे। पूरे देश में लाखों की संख्या मे मंदिर हैं , जहां पर पुजारी मन्दिर में आने वाले लोगों की पूजा-अर्चना मन्दिर में करवाते हैं। मन्दिर का चढ़ावा व सामर्थ के अनुसार दिए दान से ही अधिकांश पुजारी व पंडित अपने परिवार का गुजर वसर करते आए थे। लॉकडाउन से मंदिर बंद हो गए हैं। घरों से बाहर नहीं निकलने से पंडित घरों में पूजा के लिए भी नहीं जा पा रहे हैं।

पं.मूर्तिराम आनंदवर्धन नौटियाल ने बताया लॉकडाउन के चलते पुजारी और पंडित घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं, उनके सामने भुखमरी का संकट खड़ा हो रहा है। इस सम्बन्ध में उन्होंने हिमाचल , पंजाब , उत्तराखंड और  उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को एक पत्र इ मेल के माध्यम से भेज है . उनमे से एक नीचे देखें —

सेवा में,
श्री जयराम ठाकुर जी
मुख्यमंत्री हिमाचल प्रदेश
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विषय- माननीय मुख्यमंत्री जी से नम्र निवेदन है कि इस ब्राम्हण वर्गीय जो पुजारी व पंडितो के बारे में भी कुछ विचार किया जाए और इनके हित मे भी अच्छी व्यवस्था की जाए।
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अभी संपुर्ण भारत वर्ष COVID-19 जैसे महामारी के चपेट में आई हुई है। जिसके कारण देश की एक बड़ी आबादी सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है जिसके ऊपर किसी का ध्यान नही हैं जो है ब्राहमण वर्ग । जिसे की सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की कोइ सहायता नही प्रदान की जाती है। गरीबो की व्यवस्था तो हो जा रही है, इनके बारे में सरकार भी सोचती है एवं बहुत सारे ट्रस्ट वाले एवं ngo की तरफ से भी इनको मदद मिल जाती है , संपूर्ण भारत पुजारी व पंडितो की आर्थिक स्थिति चिन्ताजनक हो गयी है,अमूमन पूजन, हवन, अभिषेक, कथा  ,जाप,  विहवा,आदि करके अपने परिवार जनो का रोजना की आवश्यकताओं की पूर्ति कर लेते थे। परन्तु इस COVID-19 महामारी एवं लंबे LOCKDOWN ने सभी मार्ग बंद कर दिए हैं , पर जो ब्राम्हण वर्ग से जो आते है इनका क्या?  इस विकट महामारी कोरोना वायरस के विकट परिस्थितियों से पूरा देश जूझ रहा है। परंन्तु हमेशा की भांति सरकार और संस्थाओं द्वारा निम्न वर्ग को सहायता प्रदान की जा रही है लेकिन सदियों से जो ब्राम्हण वर्ग के लोगो उपेछित करने की प्रथा सदियों से चली आ रही है इसकी ओर किसी का भी ध्यान नही जाता है ।ब्राम्हण वर्ग से आने वाले को भी भूख लगती है, रेंट देना पड़ता है। इनके जीवका का स्रोत बन्द हो चुका है। ब्राम्हण वर्गीय का भारत की अर्थ व्यवस्था में इनका बहुत बडा योगदान रहता है ! एवं हमे आपके जवाब की प्रतीक्षा रहगी आप का छोटा शुभ चिन्तक जी।
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दिनाक-19/5/2020,निवेदन 🙏🙏🙏ब्राह्मण परिवार का एक छोटा सा सदस्य
पं.मूर्तिराम आनंदवर्धन नौटियाल
Email -Jagdambajoytish @gmail.com
Warsp,PH-9891100914. पता-माकन न. 38,प्रथम तल, सी-ब्लॉक,ई डब्ल्यू एस फ्लेट,ओमिक्रोन-3,ग्रेटर नोएडा,गौतम बुद्ध नगर,उत्तर प्रदेश 201310, 🙏🙏🙏जय माता दी🙏🙏🙏

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