जातियों में बंटे सम्राट पृथ्वी राज चौहान, सोशल मीडिया पर छिड़ी जंग
सम्राट पृथ्वी राज चौहान गुर्जर थे या राजपूत ? इस बात को लेकर एक बार फिर जंग छिड़ गई है . मंगलवार को इसको लेकर ट्वीटर पर भी वार रहा . यह विवाद नया नहीं है . कुछ महीने पहले पृथ्वी राज चौहान पर बनाई जा रही फ़िल्म में जब उन्हें राजपूत बताया गया तो गुर्जर समाज ने इसका विरोध किया था .
अखिल भारतीय गुर्जर परिषद् के प्रदेश अध्यक्ष रविंदर भाटी ने बताया कि आपको सर्वविदित है पिछले कई दिनों पर सोशल मीडिया पर जंग छिड़ी हुई है जिसमें गुर्जर सम्राट पृथ्वीराज चौहान जी की जाति पर सवाल उठाए जा रहे हैं वो गुर्जर समाज से हैं जबकि इतिहास के महाकाव्य और ग्रंथों मैं पृथ्वीराज रासो में चंद्रवरदाई जी ने पृथ्वीराज चौहान जी को गुर्जरेद्र उनको पिता को सोमेश्वर गुर्जर नरेश लिखा है उनके किले को गुर्जर दुर्ग लिखा है दिल्ली का पुराना किला जिसे पिथौरागढ़ कहा जाता है वो गुर्जर राजा अनगपाल तंवर ने पृथ्वीराज जी के सहयोग से बनवाया था उनके मामा अनगपाल तवर गुर्जर नरेश के तंवरो के 100 गांव दिल्ली के आसपास आज भी है कश्मीरी कवि जनायक पृथ्वीराज विजय महाकाव्य में स्पष्ट रूप से गुर्जर होने की पुष्टि होती है उनके अजमेर के किले को गुर्जर दुर्ग लिखा है उनके भाई के नाम हरिराज चौहान गुर्जर इतिहास के पन्नों में उनके पिता का नाम सोमेश्वर गुर्जर नरेश स्पष्ट करता है गुर्जर इतिहास को हमेशा दबाया गया है.
मुगल काल में मुगलों ने गुर्जर इतिहास को दबाया ब्रिटिश शासन में अंग्रेजो के द्वारा गुर्जर इतिहास को दबाया गया. इसका मुख्य कारण राष्ट्रीय अध्यक्ष ही ऐसा बयान दे रहे हैं उन्हें इतिहास का ज्ञान नहीं है . कभी वह विदेशी बताते हैं कभी कहते हैं हिंदू नहीं है कोई उनसे पूछे अंग्रेजों से लड़ाई में उनका क्या योगदान था. मुगलों की अधीनता स्वीकार करके रिश्तेदारी कर ली और अपने राज्य बचा लिए 13 वी शताब्दी से पहले इतिहास में कभी उल्लेख नहीं है और गुर्जर इतिहास संस्कृति है गुर्जर इतिहास को अंग्रेजों ने दबाया विदेशी आक्रांता उन्हें दबाया उसका एकमात्र कारण यह है कि बुराइयों के खिलाफ सर्व समाज के हितों के लिए लड़ाई लड़ी है सर्व समाज की रक्षा की और उनके न्याय और उत्थान के लिए लड़े अपने गौरवशाली इतिहास को धूल-मिल नहीं होने दिया जाएगा.
सर्विदित है पृथ्वी राज चौहान पहले एक भारतीय हैं जिन्होंने विदेशी आक्रमणकारियों से जम कर लोहा लिया था .