जीवमात्र की निःस्वार्थ सेवा ही परमेश्वर की सच्ची सेवा है …
जीवमात्र की निःस्वार्थ सेवा ही परमेश्वर की सच्ची सेवा है। पंक्तियां आज के इस आपातकाल में सार्थक है। अभीतक शहर में रहने वाले गौवंश और कुकूर (डॉगी) विभिन्न स्थानों पर लगने वाली मंडियों और समारोह स्थलों पर बचे हुए खाने से अपना पेट भरते थे। परंतु लॉकडाउन के कारण ऐसे सीलिंग एरिया में मंडिया और समस्त समारोह स्थल बंद है, जिस कारण ये बेजुबान जीव भूखे रहने को मजबूर है।
इसलिए मेरा प्रयास रहता है कि जहां तक हो सके गौवंश और कुकूर (डॉगी) को सुबह शाम खाना खिलाया जाये तथा इनकी जितनी सेवा संभव हो कि जाये। इन बेजुबान जीवों का प्रेम ही इनकी निरंतर सेवा की शक्ति प्रदान करता है।
मेरा समस्त शहरवासियों से निवेदन है कि अपना और अपने आसपास रहने वाले लोगों और बेजुबान जीवों की जितनी संभव हो सकेप सेवा करें।
धन्यवाद,
हरेन्द्र भाटी
कमल सचदेवा